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बंगाल में 25 हजार लोगों का छिन जाएगा रोजगार! प्रशासन ने लिया बड़ा डिसीजन, जानिए क्या

बंगाल: सर्दी आने से पहले ही पश्चिम बंगाल का पर्यटन ठंडा पड़ने की कगार पर है. दरअसल, पिछले कुछ साल में मंदारमणि तट बेहद सुर्खियों में रहा. इसी के चलते समुद्र तट के किनारे कई होटल और रिसॉर्ट बनाए गए. अब प्रशासन के एक निर्देश ने यहां बसे होटल कर्मियों के चेहरे की मुस्कान छीन ली है. राष्ट्रीय पर्यावरण न्यायालय ने तटीय नियमों का पालन नहीं करने वाले होटलों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है. इस आदेश पर काम करने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरीके से एक्टिव है. इसका बड़ा असर होटल कर्मियों की रोज़ी रोटी पर भी पड़ेगा, जो कि चिंता की वजह बन गया है.

पर्यटकों से बदल गया मंदारमणि का नजारापूर्वी मेदिनीपुर जिले का टूरिज्म का एक लोकप्रिय हिस्सा दीघा है. इसके बाद लिस्ट में मंदारमणि का नाम आता है. एक समय पर तो मंदारमणि में एक बड़ा रेतीला मैदान, झाउबोन, कायाबोन और लाल केकड़े थे. हालांकि, पर्यटकों की संख्या बढ़ते ही वहां से सब खत्म हो गया. अब यहां कंक्रीट का जंगल है. हालांकि, समुद्र तट के पास कई होटल बनाए गए हैं और इन्हीं पर अवैध निर्माण का आरोप लगा है.

कुल इतने होटल होंगे ध्वस्त!पूर्वी मिदनापुर जिला प्रशासन को होटल को ध्वस्त करने का आदेश लगभग दो साल पहले दिया गया था. मंदारमणि होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने ये जानकारी दी है कि लगभग 164 होटलों और रिसॉर्ट्स को ध्वस्त करने का आदेश दिया गया है.

20,000 से ज्यादा कर्मचारियों पर पड़ेगा असरमंदारमणि होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मीर ममरेज़ अली ने कहा, “जिला प्रशासन ने 20 नवंबर तक होटल को ध्वस्त करने का आदेश दिया है. होटलों को ये नोटिस सोमवार 18 नवंबर को दिया गया. मंदारमणि में कुल 200 से ज्यादा होटल हैं. होटलों में लगभग 20,000 से 25,000 लोग सीधे तौर पर कार्यरत हैं. यदि होटल को ध्वस्त करने का आदेश लागू किया जाता है, तो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 50,000 से 60,000 लोगों की आजीविका बंद हो जाएगी.”

पालन ना करने पर होगा एक्शनफिलहाल होटलों को नोटिस भेजा गया है कि आदेश का पालन नहीं करने पर जिला प्रशासन कार्रवाई करेगा. वहीं दूसरी तरफ अवैध रूप से निर्मित होटल को बचाने के लिए मालिक पहले ही कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुके हैं. हालांकि, प्रशासन के इस निर्देश से नौकरी गंवा रहे होटल कर्मचारी चिंतित हैं.

Tags: Local18, Special Project, West bengal

FIRST PUBLISHED : November 20, 2024, 17:36 IST

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