एक साल से लापता थे 25 टाइगर, टीम ने 48 घंटे में 10 को ढूंढ़ निकाला, वन विभाग में क्यों मचा हड़कंप?
सवाई माधोपुरः रणथम्भौर अभ्यारण से 25 टाइगर पिछले एक साल से लापता थे, लेकिन जैसे ही एक टाइगर ने गांव के एक व्यक्ति का शिकार किया, तो वन विभाग में हड़कंप मचा गया. सामने आया कि युवक की मौत से बौखलाए गांव वालों ने टाइगर को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद फॉरेस्ट टीम अलर्ट मोड पर आ गई. मजह 48 घंटे के भीतर 10 बाघ ढूंढ़ निकाले.
राजस्थान वन विभाग के 14 अक्टूबर को जारी आदेश में साफ लिखा गया है कि पिछले एक साल से 11 बाघ गायब हैं. तो वहीं, एक साल से कम समय में 14 बाघों की कोई जानकारी वन विभाग के पास नहीं है. मुख्य वन अधिकारी के निर्देशन में आनन फानन में एक जांच समिति का गठन कर दिया गया. हालांकि खबर सुर्खियों में आने के बाद सबसे मजे की बात यह है कि जो टाइगर पिछले एक साल से वन विभाग को नहीं मिल रहे थे. उनमें से 48 घंटे में 10 टाइगर मिल मिल गए.
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जब वन विभाग के आला अधिकारियों से सवाल किया गया तो उनका जवाब भी चौंका देने वाला था. कहा गया कि रिपोर्ट के एक दिन बाद ही 10 बाघ वन विभाग ने आंखों से देख लिए हैं, लेकिन यह महाभारत यही नहीं थमी. क्योंकि 10 बाघ अगर 2 दिन में मिल गए हैं, तो फिर 1 साल में यही बाघ वन विभाग को क्यों नहीं मिल रहे थे. वन विभाग की गठित जांच समिति अब जंगलों की खाक छानते हुए गुमशुदा टाइगर्स को खोजेगी. बता दें की राजस्थान में 75 टाइगर हैं. जिनमे इसमें टी-58 और टी-86 शामिल नहीं हैं, जिनकी हाल ही में मृत्यु हो गई है. हालांकि कमेटी 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी.
गौरतलब है कि, साल 2023 में रणथम्भौर में 8 बाघ बाघिन और शावक अपना दम तोड़ चुके हैं. 2024 में भी 1 बाघिन और 2 शावकों की मौत हो चुकी है. ऐसे में वन विभाग की 25 टाइगरों के लापता होने की रिपोर्ट चौंकाती है, इससे पहले भी बाघिन नूर के दो शावक बाघिन टी 138 गायब हुई. इसके बाद टी 13, टी 79 के शावन, टी 99 के दो शावक गायब हैं. गौरतलब है कि बीत शनिवार को ग्रामीण पर बाघ टी 86 के हमले के बाद उसे भी पीट-पीटकर मार दिया गया.
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FIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 17:49 IST