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हिन्दुस्तान जिंक सखी पहल से 25,000+ महिलाएं हुईं आत्मनिर्भर

Last Updated:October 28, 2025, 17:58 IST

अब तक 2,167 स्वयं सहायता समूहों की 25,455 से ज्यादा महिलाओं को सशक्त बनाया गया है.इन समूहों के जरिए 125.71 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया है, जिससे महिलाएं खुद का काम शुरू कर अपनी और परिवार की जिंदगी बेहतर बना रही हैं.यह पैसा महिलाओं को छोटे बिजनेस, बच्चों की पढ़ाई और घर की जरूरतें पूरी करने में मदद कर रहा है.

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उदयपुर. कभी गांवों की महिलाएं, जो घर तक सीमित थी, आज वही महिलाएं छोटे-छोटे कारोबार चला रही हैं और परिवार का सहारा बन रही हैं. यह बदलाव आया है हिन्दुस्तान जिंक की ‘सखी’ पहल के जरिए. कंपनी की इस सीएसआर योजना ने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत बनाया है. राजस्थान और उत्तराखंड में चल रही इस पहल के तहत अब तक 2,167 स्वयं सहायता समूहों की 25,455 से ज्यादा महिलाओं को सशक्त बनाया गया है. इन समूहों के जरिए 125.71 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया है, जिससे महिलाएं खुद का काम शुरू कर अपनी और परिवार की जिंदगी बेहतर बना रही हैं. यह पैसा महिलाओं को छोटे बिजनेस, बच्चों की पढ़ाई और घर की जरूरतें पूरी करने में मदद कर रहा है.

सखी कार्यक्रम को मंजरी फाउंडेशन और चैतन्य ट्रस्ट के सहयोग से चलाया जा रहा है. इसका उद्देश्य महिलाओं को बैंकिंग और लोन जैसी सुविधाओं से जोड़ना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. इस पहल से महिलाएं वित्तीय साक्षरता सीख रही हैं और खुद छोटे स्तर पर उद्यमी बन रही हैं. इस योजना से कई प्रेरणादायक कहानियां सामने आई हैं. फरजाना, जिन्होंने पति के निधन के बाद सखी की मदद से अचार बनाने की यूनिट में ट्रेनिंग ली, आज वे अपने परिवार की आर्थिक रीढ़ बन गई हैं. वहीं, इंद्रा मीणा जावर की नमकीन यूनिट में काम करके इतनी आगे बढ़ी कि अब वे सखी उत्पादन समिति की बोर्ड मेंबर बन चुकी हैं.

समिति के तहत अब तक 14 उत्पादन इकाइयां और 208 स्टोर शुरू किए

सखी उत्पादन समिति के तहत अब तक 14 उत्पादन इकाइयां और 208 स्टोर शुरू किए जा चुके हैं, जिससे 231 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है. इन इकाइयों के जरिए ‘दाइची’ (खाद्य उत्पाद) और ‘उपाया’ (वस्त्र) जैसे ग्रामीण ब्रांड्स को बढ़ावा मिला है. हिन्दुस्तान जिंक की यह पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों, जैसे लैंगिक समानता और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा दे रही है. यह कार्यक्रम अब तक 200 से अधिक गांवों में सक्रिय है और हजारों महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने की प्रेरणा दे रहा है.

महिलाओं के अलावा, हिन्दुस्तान जिंक की अन्य सीएसआर पहलें बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, खेल और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी काम कर रही हैं. अनिल अग्रवाल फाउंडेशन के तहत चल रहा ‘नंद घर’ प्रोजेक्ट बच्चों की शिक्षा और पोषण में बदलाव ला रहा है. कंपनी अब तक 2,350 से ज्यादा गांवों में 23 लाख लोगों को विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए फायदा पहुंचा चुकी है.

Monali Paul

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW… और पढ़ें

Location :

Udaipur,Udaipur,Rajasthan

First Published :

October 28, 2025, 17:58 IST

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हिन्दुस्तान जिंक की सखी पहल से पच्चीस हजार महिलाएं हुईं आत्मनिर्भर

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