Rajasthan

265 साल पुराना मंदिर, जहां भगवान हनुमान ने भक्त के लिए लिया था अनदेखा रूप, हर मन्नत होती है पूरी!

चुरू: भारत में अनोखी जगहों की कोई कमी नहीं है. हर राज्य, शहर और गांव में एक अनोखा मंदिर बना है. राजस्थान के चुरू जिले में तो ऐसा मंदिर है, जो पूरी दुनिया में कहीं और नहीं है. इस मंदिर का नाम है सालासर धाम. यहां हनुमान जी का दाढ़ी और मूंछ वाला अवतार देखने के लिए मिलता है. हनुमान जी ने भक्त का वचन पूरा करने के लिए ऐसा अवतार लिया था.

सालासर धाम की कहानी सिद्ध पुरुष श्री मोहनदास जी महाराज भगवान हनुमान की खूब भक्ति करते थे. हनुमान जी उनसे बहुत प्रसन्न हुए. उन्होंने ढूंढी-मंछ वाले अवतार में दर्शन दिए. मोहनदास ने वचन लिया कि आगे भी वो इसी रूप में दर्शन दें.  वचन पूरा करने के लिए 1755 में भगवान शनिवार के दिन असोटा गांव में मूर्ति बनकर प्रकट हुए. उनके भक्त ने 1759 में सालासर में मंदिर बनवाया. मंदिर की देखभाल का जिम्मा उदयराम जी और उनके वंशजों को सौंपा गया. हनुमान जी के बाल स्वरूप को बालाजी के रूप में पूजा जाता है. इसी वजह से इस मंदिर को सालासर बालाजी मंदिर कहते हैं.

हर साल चढ़ते लाखों नारियल सालासर धाम में नारियल चढ़ाकर पूजा की जाती है. हर साले लाखों नारियर यहां लोग भेंट करते हैं, जिन्हें दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता. मंदिर के बाहर और आसपास पूरा बाजार लगता है, जहां नारियल के ढेर दिखाई देते हैं.

सालासर धाम में हर मन्नत होती है पूरीसालासर धाम में दर्शन करने से भक्तों की हर मुसीबत खत्म हो जाती है. बीमारीयां दूर हो जाती हैं. सेहत बेहतर होती है. अपना घर लेने के लिए लोग इस मंदिर में पूजा करते हैं. जिन लोगों का बच्चा न हो वो भी इस मंदिर में पूजा करने पहुंचते हैं.

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हर साल लगते हैं 2 मेलेसालासर धाम में हर दिन हजारों लोग पहुंचते हैं. लेकिन यह लगने वाला मेला और भी खास है. शरद पूर्णिमा और चैत्र पूर्णिमा पर यहां खास मेला लगता है. इन मेलों में लाखों लोग पहुंचते हैं, जिस वजह से राज के 1.5 बजे ही मंदिर के पट खुल जाते हैं.

सालासर बालाजी कैसे जाएं? सुजानगढ़, रतनगढ़, लक्ष्मणगढ़, सीकर और जयपुर का रेलवे स्टेशन सालासर धाम से पास है. सुजानगढ़ और सीकर का स्टेशन सबसे पास है. खाटू श्याम मंदिर से यह धाम लगभग 2 घंटे दूर है. रिंगस से सालासर बालाजी की बस और गाड़ी मिल जाएगी. यहां आसपास बहुत सारे होटल और धर्मशाला भी बनी हैं, जहां आप ठहर सकते हैं. किराया भी ज्यादा नहीं होगा.

कितनी ही कहानियां हैं हमारे आसपास. हमारे गांव में-हमारे शहर में. सामाजिक कहानी, लोकल परंपराएं और मंदिरों की कहानी, किसानों की कहानी, अच्छा काम करने वालों कहानी, किसी को रोजगार देने वालों की कहानी. इन कहानियों को सामने लाना, यही है लोकल-18. इसलिए आप भी हमसे जुड़ें. हमें बताएं अपने आसपास की कहानी. हमें व्हाट्सएप करें हमारे नंबर- 08700866366 पर.

Tags: Hindu Temple, Local18, Premium Content, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 14:10 IST

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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