Babulal Nagar, The Son Could Not Become A Member Zila Parishad – बाबूलाल नागर को करारा झटका, पुत्र नहीं बन पाए जिला परिषद सदस्य

राज्य के छह जिलों मे हुए पंचायत चुनावों में दूदू विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर को करारा झटका लगा है।

जयपुर। राज्य के छह जिलों मे हुए पंचायत चुनावों में दूदू विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर को करारा झटका लगा है। नागर के पुत्र विकास नागर जिला परिषद का चुनाव हार गए। हालांकि उनकी पुत्र वधू रूपाली नागर पंचायत समिति सदस्य का चुनाव जीत गई लेकिन उस पंचायत समिति में कांग्रेस को बहुमत हीं नहीं मिला। माना जा रहा हैं कि सचिन पायलट का विरोध करना नागर को बहुत महंगा पड़ा है और इसीलिए वहां के गुर्जर समाज ने नागर को पटकनी दे दी।
उप जिला प्रमुख का सपना चूर चूर— नागर ने अपने पुत्र विकास नागर को जिला परिषद से चुनाव लड़वा उप जिला प्रमुख बनाने के सपने देख रखे थे लेकिन वे तो जिला परिषद में सदस्य भी नहीं बन पाए। इसी तरह पुत्र वधू को मौजमाबाद से प्रधान बनवाना चाह रहे थे लेकिन मौजमाबाद पंचायत समिति में भाजपा को बहुमत मिल गया। मौजमाबाद पंचायत से पंचायत समिति सदस्य के रूप में भाग्य आजमा रही बहू रूपाली नागर जीत तो गई, लेकिन प्रधान बनने का सपना टूट गया। मौजमाबाद में 17 में से 14 सीटे बीजेपी ने जीती, कांग्रेस 2 पर सिमट रह गई। जिला परिषद चुनाव में तो नागर के पुत्र विकास नागर वार्ड 12 से जिला परिषद सदस्य के रूप में चुनाव मैदान में थे। नागर ने पायलट समर्थित मतदाताओं की नाराजगी दूर करने के लिए हर सभा और हर में बैनर और पम्पलैट पर पायलट का फोटों लगाया था,लेकिन जनता ने नागर परिवार को हरा दिया। विकास को 1300 से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा। उन्हें भाजपा के मनोहर लाल ने चुनाव हराया