उदयपुर के लेफ्टिनेंट अभिराज सिंह का ऐतिहासिक स्वागत

Last Updated:December 14, 2025, 20:03 IST
मेवाड़ की धरती पर जन्मे अभिराज सिंह चौहान ने बचपन में संजोया सपना अब देशसेवा की वर्दी में साकार कर दिखाया. भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से लेफ्टिनेंट बनकर जब वह उदयपुर पहुंचे, तो शहर ने उन्हें केवल एक सैन्य अधिकारी नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा के रूप में अपनाया. सगसजी बावजी मंदिर में दर्शन और सुभाषनगर में जनता का गर्मजोशी भरा स्वागत उनके उत्साह और देशभक्ति के प्रतीक बने. घर लौटते ही परिवार और महिलाओं द्वारा पारंपरिक रीति से अभिनंदन ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि को और यादगार बना दिया.
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उदयपुर. मेवाड़ की धरती पर जन्मे अभिराज सिंह चौहान का वह सपना, जिसे उन्होंने बचपन में संजोया था, अब देशसेवा की वर्दी में साकार हो चुका है. भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए), देहरादून से पासिंग आउट परेड पूरी करने के बाद लेफ्टिनेंट बने अभिराज जब अपनी जन्मभूमि उदयपुर पहुंचे, तो शहर ने उन्हें केवल एक सैन्य अधिकारी के रूप में नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत मानकर अपनाया. ढोल-नगाड़ों की गूंज, भारत माता के जयकारे और लोगों का उत्साह इस ऐतिहासिक स्वागत का साक्षी बने.
आईएमए देहरादून में आयोजित पासिंग आउट परेड में परिजनों की मौजूदगी के बाद, जब अभिराज सिंह चौहान उदयपुर पहुंचे, तो उनका पहला पड़ाव सर्वऋतु विलास स्थित सगसजी बावजी मंदिर रहा. यहां उन्होंने विधिवत दर्शन कर देश और समाज के लिए सेवा का संकल्प दोहराया, मंदिर परिसर में बड़ी संख्या में लोग उनकी अगवानी के लिए उमड़े, जहां जनप्रतिनिधियों और शहरवासियों ने पुष्पमालाओं से उनका स्वागत कर सम्मान व्यक्त किया.
जैन सोसायटी और सर्व समाज की ओर से किया अभिनंदन
सगसजी मंदिर से आगे बढ़ते हुए जब अभिराज सुभाषनगर पहुंचे, तो वहां का नजारा भी प्रेरणादायक था. सुभाषनगर, पाठो की मगरी कॉलोनी वासी, सुभाषनगर जैन सोसायटी और सर्व समाज की ओर से उनका गर्मजोशी से अभिनंदन किया गया. इस दौरान उनके दादा, समाजसेवी हरिसिंह चौहान, पिता केशर सिंह चौहान, अंकल पुष्पेंद्र सिंह और डॉ. पृथ्वी राज चौहान की आंखों में गर्व और खुशी साफ झलक रही थी. दिन का सबसे भावुक क्षण तब आया जब अभिराज अपने घर पहुंचे। यहां परिवारजनों ने मेवाड़ी परंपरा के अनुसार उनका स्वागत किया. महिलाओं ने दहलीज पर पारंपरिक रीति से अभिनंदन कर इस ऐतिहासिक उपलब्धि को सम्मानित किया.
यह दृश्य न केवल एक परिवार की खुशी का प्रतीक था, बल्कि मेवाड़ की उस परंपरा का भी, जहां देशसेवा को सर्वोच्च स्थान दिया जाता है. लेफ्टिनेंट अभिराज सिंह चौहान की यह यात्रा साधारण से असाधारण बनने की कहानी है, उनकी सफलता यह संदेश देती है कि मजबूत संकल्प, पारिवारिक संस्कार और देश के प्रति समर्पण से कोई भी युवा अपने सपनों को हकीकत में बदल सकता है. मेवाड़ की धरती ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यहां की मिट्टी देशभक्ति की खुशबू से भरी हुई है.
About the AuthorMonali Paul
Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें
Location :
Udaipur,Rajasthan
First Published :
December 14, 2025, 20:03 IST
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उदयपुर के लेफ्टिनेंट अभिराज सिंह का हुआ ऐतिहासिक स्वागत



