Rajasthan

30 मिनट में बीमारी पहचान! नया सेंसर सूजन का पता लगाकर जल्दी करेगा बीमारी का निदान | New Nanosensor Detects Inflammation for Faster Disease Detection

नया नैनोसेंसर ज्यादा तेज़ और कम खर्चीला है आजकल बीमारी पता लगाने के लिए एलआईएसए और पीसीआर टेस्ट होते हैं, लेकिन इनमें बहुत समय लगता है (6 घंटे से ज्यादा) और इन्हें करने के लिए खास ट्रेनिंग भी जरूरी होती है. नया नैनोसेंसर इन टेस्ट से कहीं ज्यादा तेज़ और कम खर्चीला है.

यह सेंसर सूक्ष्म मात्रा में पाए जाने वाले पदार्थों को भी आसानी से पहचान सकता है. इसका इस्तेमाल मल्टीपल स्केलेरोसिस, डायबिटीज़ और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का इलाज करने वाली दवाइयां बनाने में भी किया जा सकता है.

यह टेक्नोलॉजी अभी विकास की अवस्था में है, लेकिन अब तक इंटरल्यूकिन-6 (IL-6), इंटरल्यूकिन-बीटा (IL-beta), और टीएनएफ-अल्फा नामक सूजन पैदा करने वाले तीन पदार्थों का पता लगाने में काफी सफल रही है. अभी तक इस सेंसर का इस्तेमाल सिर्फ नियंत्रित परिस्थिति में किया गया है, लेकिन जल्द ही इसे क्लिनिकल ट्रायल (मानव परीक्षण) में इस्तेमाल किया जाएगा. इस तकनीक का इस्तेमाल सेप्सिस और फंगल इंफेक्शन जैसी बीमारियों का जल्दी पता लगाने के लिए भी किया जा सकता है.

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