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JEE में हासिल की 30वीं रैंक, फिर IIT से B.Tech, MS, अब अमेरिका में कर रहे ये काम

Last Updated:March 09, 2025, 16:21 IST

JEE Success Story: कुछ करने की चाहत अगर दिल में हो और उसी दिशा में काम किया जाए, तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. ऐसे ही एक शख्स के बारे में बता रहे हैं, जो जेईई में 30वीं रैंक हासिल करके अब यह काम कर र…और पढ़ेंJEE में हासिल की 30वीं रैंक, फिर IIT से BTech, MS, अमेरिका में कर रहे ये काम

Google JEE Success Story: आईआईटी से पढ़ाई करके अब यह काम कर रहे हैं.

JEE Success Story: अगर कुछ करने की सोच रहे हैं और उसी डायरेक्शन में मेहनत कर रहे हैं, तो सफलता जरूर मिलती है. फिर चाहे देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाने वाली जेईई की परीक्षा ही क्यों न हो, उसे भी पास किया जा सकता है. आईआईटी से पढ़ाई करने के लिए जेईई एक एंट्री गेट होता है. बिना इस गेट को पार किए आईआईटी से पढ़ाई करना मुश्किल हैं. आज एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने जेईई की परीक्षा में 30वीं रैंक हासिल की हैं. इनका नाम देपेन मोरवानी (Depen Morwani) है.

जेईई में हासिल की 30वीं रैंकदेपेन मोरवानी ने वर्ष 2012 में जेईई की परीक्षा में 30वीं रैंक हासिल की थीं. उन्होंने वर्ष 2016 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (IIT Bombay) से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग (CSE) में बी.टेक की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने दो वर्षों तक गोल्डमैन सैक्स में एक फाइनेंसियल एनालिस्ट के रूप में काम किया है. इसके लिए उन्होंने फाइनेंसियल मैनेजमेंट एंड एनालिसिस से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर काम किया है.

IIT से लिया B.Tech, MS की डिग्रीजेईई की परीक्षा में 30वीं रैंक लाने वाले देपेन मोरवानी ने आईआईटी से बीटेक करने के बाद आईआईटी मद्रास से मास्टर ऑफ साइंस – एमएस, डीप लर्निंग की पढ़ाई पूरी की हैं. इसके बाद वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास में रिसर्च असिस्टेंट के तौर पर भी काम किया है. देपेन बाद में गूगल में रिसर्च एसोसिएट की भूमिका में भी रहे. लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार इसके अलावा वह माइक्रोसॉफ्ट में रिसर्च इंटर्न के रूप में भी काम कर चुके हैं.

अमेरिका में कर रहे हैं ये कामदेपेन मोरवानी फिलहाल अमेरिका में रह रहे हैं. वह हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पीएचडी के तीसरे वर्ष के छात्र हैं. उनका रिसर्च वर्क प्रोफेसर बोअज़ बराक और प्रोफेसर शाम काकाडे के मार्गदर्शन में चल रहा है. उनका रिसर्च मुख्य रूप से डीप लर्निंग में इस्तेमाल किए जाने वाले ऑप्टिमाइज़ेशन एल्गोरिदम के अंडरलाइंग मोटीवेशनल बीएसएस को समझने पर केंद्रित है. इस समझ का इस्तेमाल करके वह अधिक प्रभावी, तेज़, निष्पक्ष, सुरक्षित और मज़बूत एल्गोरिदम विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं.

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First Published :

March 09, 2025, 16:21 IST

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