Rajasthan

32 new government colleges will open in the state# | प्रदेश में खुलेंगे 32 नए सरकारी कॉलेज , वित्त विभाग ने जारी की स्वीकृति

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा की पालना में प्रदेश में 32 राजकीय महाविद्यालय खोले जाने की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। इनमें 14 सहशिक्षा और 18 महिला कॉलेज शामिल हैं।

जयपुर

Updated: April 21, 2022 07:29:36 pm

प्रदेश में खुलेंगे 32 नए सरकारी कॉलेज
वित्त विभाग ने जारी की स्वीकृति
सीएम ने बजट में की थी घोषणा
32 में 14 सहशिक्षा और 18 महिला कॉलेज शामिल
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा की पालना में प्रदेश में 32 राजकीय महाविद्यालय खोले जाने की वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। इनमें 14 सहशिक्षा और 18 महिला कॉलेज शामिल हैं।इन कॉलेजों में शैक्षणिक और अशैक्षणिक स्टाफ के कुल 672 पदों की स्वीकृति दी गई है। जिसमें प्राचार्य, सहायक प्राचार्य, पुस्तकालयाध्यक्ष, शारीरिक शिक्षक, सहायक लेखाधिकारी, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी, आशु लिपिक, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ट सहायक, प्रयोगशाला सहायक, बुक लिफ्टर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद शामिल हैं।
सहशिक्षा के कॉलेज
विजयनगर, (रुपनगढ़) – अजमेर, नीमराना -अलवर, नाहरगढ़ (किशनगंज) -बारां, सिद्धुमुख (सादुलपुर)- चूरू, आंधी -जमवारामगढ़, किशनगढ़ (रेनवाल) -जयपुर, टिब्बी (रावतसर)- हनुमानगढ़, बुहाना- झुंझुनू, रेवतड़ा- जालौर और कुराबड़ (वल्लभनगर) -उदयपुर, आनंदपुरी -बांसवाड़ा, पाल देवल – डूंगरपुर ।
महिला शिक्षा के कॉलेज
बड़ौदा (मेव) – अलवर, सिवाना- बाड़मेर, (केलवाड़ा )किशनगंज, छबड़ा – बारां, मांडल – भीलवाड़ा, झालाटाला वैर डींग – भरतपुर, बस्सी – चित्तौडगढ़़, (नरैना )राजाखेड़ा – धौलपुर, गंगापोल – जयपुर, लोहावट – जोधपुर, पांचला सिद्धा (खींवसर) – नागौर, अलसीसर – मंडावा, मंडेला- झुंझुनू कटकड़ – करौली, शिवगंज – सिरोही, मित्रपुरा (बामनवास) – सवाई माधोपुर और निवाई – टोंक।

प्रदेश में खुलेंगे 32 नए सरकारी कॉलेज , वित्त विभाग ने जारी की स्वीकृति

प्रदेश में खुलेंगे 32 नए सरकारी कॉलेज , वित्त विभाग ने जारी की स्वीकृति

‘रिहर्सल’ ने बताया-नाटक करना टेढ़ी खीर
रवींद्र मंच के मिनी थियेटर में हुआ मंचन
अलसना रंग थियेटर सोसायटी की ओर से बुधवार को रवींद्र मंच पर नाटक ‘रिहर्सल’ का मंचन किया गया। असलम कुरैशी निर्देशित और लक्ष्मीकांत वैष्णव लिखित इस नाटक में दिखाने का प्रयास किया गया कि नाटक करना कोई बच्चों का खेल नहीं है यह एक टेढ़ी खीर है। एक नाट्य निर्देशक नाटक तैयार कर दर्शकों के सामने रखता है लेकिन उससे पहले उसे पूर्वाभ्यास में किन किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। क्या समस्याएं खड़ी होती हैं और उसकी क्या दशा होती है। नाटक में जितेंद्र लाटा, तनु राणा, गोपाल प्रसाद, पायल चौधरी, अंशुल शर्मा, लक्ष्य माखीजा, लिशिता सोयल, लोचन हांडा, मुकेश चौधरी आदि ने अभिनय किया। –

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