Rajasthan

पुलिस भर्ती में महिलाओं को 33% आरक्षण:कर्मचारी की मौत पर रिश्तेदार को मिल सकेगी पेंशन, कैबिनेट बैठक में SI परीक्षा पर नहीं हुआ फैसला

निराला समाज टीम जयपुर।

भजनलाल सरकार की कैबिनेट बैठक में बुधवार को बड़े फैसले लिए गए। महिलाओं को पुलिस विभाग की भर्ती में 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। इसके लिए कैबिनेट ने राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम 1989 में संशोधन किया है।

अब विशेष योग्यजन सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके आश्रितों में उसके करीबी रिश्तेदार भी शामिल हो सकेंगे। कर्मचारी के माता-पिता, भाई और बहन में से किसी को भी पेंशन मिल सकेगी।

राजस्थान लैंग्वेज एंड लाइब्रेरी और राजस्थान एक्साइज लैबोरेटरी विभाग में होने वाली भर्तियों में भी अब उत्कृष्ट खिलाड़ियों को 2 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। सरकार ने 21 नवंबर 2019 को नोटिफिकेशन जारी करके खिलाड़ियों की परिभाषा स्पष्ट की थी। लेकिन, उस समय ये दो विभाग रह गए थे। ऐसे में इन विभागों में भी उत्कृष्ट खिलाड़ियों को आरक्षण मिलेगा। कैबिनेट बैठक में अलग-अलग 10 एजेंडों पर चर्चा हुई।

SI भर्ती परीक्षा रद्द करने पर नहीं हुआ कैबिनेट में फैसला
सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा-2021 को रद्द करने पर कैबिनेट में कोई फैसला नहीं हुआ। SI भर्ती रद्द करने के सवाल पर कानून और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा- अनेक ऐसे बच्चे होंगे, जिन्होंने पढ़ाई करने के बाद अपनी मेहनत से परीक्षा में सफलता पाई है। अगर भर्ती निरस्त होती है तो उन पर भी फर्क पड़ता है, इसलिए सरकार पूरा विचार करने के बाद ही फैसला करेगी।

पटेल ने कहा- यह बहुत गंभीर विषय है। जब बाड़ खेत को खा जाती है तो उस खेत का रखवाला कौन होगा। जिस तरह के बयान बाबूलाल कटारा के आए हैं कि मैंने ही यह पेपर RPSC के पूर्व सदस्य रामू राम राईका को दिया था। जब इतनी गंभीर स्थिति होती है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि अभी तो छोटी-छोटी मछलियां पकड़ी जा रही हैं। बड़े-बड़े मगरमच्छ भी बाहर आएंगे। अब बड़े-बड़े मगरमच्छ बाहर आ रहे हैं।

तबादला नीति अभी शुरुआती स्टेज पर
जोगाराम पटेल ने कहा- तबादला नीति अभी प्रारंभिक स्टेज पर है। इस पर अलग-अलग स्टेज पर परीक्षण हो रहा है। जब फाइनल होगी तो बता दिया जाएगा।

एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर तय होगा जिलों का भविष्य
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा- पिछली सरकार ने नियमों से परे जाकर बिना किसी आधार के जनहित के विरोध में कुछ जिलों का गठन किया। हमारी सरकार का ही संकल्प है कि हम पूरी पारदर्शिता से जनहित में नियमों के अंदर रहकर इसकी समीक्षा कर रहे हैं। इसलिए मुख्यमंत्री ने इस संबंध में एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई और एक जनप्रतिनिधियों की कमेटी बनाई।

एक्सपर्ट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी है, उसका परीक्षण होना है। अन्य लोगों से भी राय-मशविरा करना है। एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के परीक्षण के बाद तय होगा कि कौन-सा जिला रहेगा और कौन-सा नहीं रहेगा। अभी रिपोर्ट का परीक्षण हो रहा है।

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