Rajasthan

361st rank in UPSC in sixth attempt know Jitendra Choudhary success

Last Updated:April 23, 2025, 12:51 IST

धुंबड़िया गांव की मिट्टी से निकली कामयाबी की खुशबू अब दिल्ली तक पहुंच चुकी है. जालोर जिले के इस छोटे से गांव के डॉक्टर जितेंद्र चौधरी ने UPSC 2024 की सिविल सेवा परीक्षा में 361वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन…और पढ़ें6 साल, 6 प्रयास और अटूट हौसला; मेडिकल ऑफिसर डॉ. जितेंद्र बने IAS

डॉ. जितेंद्र की संघर्ष से सफलता तक की कहानी

हाइलाइट्स

डॉ. जितेंद्र चौधरी ने UPSC 2024 में 361वीं रैंक हासिल की.धुंबड़िया गांव के डॉक्टर ने जालोर का नाम रोशन किया.छठे प्रयास में मिली सफलता, युवाओं के लिए प्रेरणा.

जालौर:- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा 2024 में जालोर जिले के धुंबड़िया गांव के बेटे डॉ. जितेंद्र चौधरी ने 361वीं रैंक हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. यह पहला मौका है, जब जिले से दो युवाओं का चयन एक साथ हुआ है और इनमें से एक डॉक्टर से अफसर बनने वाले जितेंद्र चौधरी भी हैं.

भीमाराम चौधरी के पुत्र जितेंद्र की शुरुआती शिक्षा उनके गांव धुंबड़िया के स्कूल में हुई. पढ़ाई में होशियार होने के चलते नवोदय विद्यालय में चयन हुआ, जहां से उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद वे कोटा गए और 2012 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास की. 2018 में उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना साकार किया और मेडिकल की डिग्री प्राप्त की. लेकिन यहीं उनका सफर खत्म नहीं हुआ।

2019 में शुरू की थी तैयारीडॉ. चौधरी ने डॉक्टर बनने के बाद सिविल सेवा में जाने का निर्णय लिया. उन्होंने 2019 में पहली बार UPSC की परीक्षा दी, लेकिन प्रारंभिक परीक्षा में असफल रहे. फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. 2020 में प्रारंभिक परीक्षा पास की, लेकिन मुख्य परीक्षा में सफलता नहीं मिली. इसी साल उनका चयन मेडिकल ऑफिसर के पद पर हुआ और उन्हें बाड़मेर जिले के पीएचसी में नियुक्त किया गया.

सरकारी सेवा में रहते हुए भी उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और 2021 में मुख्य परीक्षा तक पहुंचे. 2022 में भी प्रयास किया, लेकिन इंटरव्यू में सफल नहीं हो सके. आखिरकार छठवें प्रयास में 2024 में उन्होंने 361वीं रैंक के साथ UPSC की अंतिम सूची में स्थान प्राप्त किया.

युवाओं के लिए प्रेरणा की कहानीडॉ. जितेंद्र चौधरी की कहानी जालोर के ग्रामीण युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई है. उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि सीमित संसाधनों और ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद अगर लगन और धैर्य हो, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं होता.

Location :

Jalor,Rajasthan

First Published :

April 23, 2025, 12:51 IST

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6 साल, 6 प्रयास और अटूट हौसला; मेडिकल ऑफिसर डॉ. जितेंद्र बने IAS

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