4 साल में केवल 1 दिन खुलती है यह ‘दुकान’, एक ही दिन में चट हो जाते हैं हजारों कोफ्ते

मनमोहन सेजू/ बाड़मेर. आपने और हमने कई बार सुना है कि 5 रुपए में क्या मिलता है लेकिन यह बात भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर की एक दुकान पर आकर बौनी नजर आती है. 4 साल में एक बार सजने वाली एक खास दुकान पर 5 रुपए में 2 कोफ़्ते बिकते है.
पश्चिम राजस्थान के सरहदी बाड़मेर जिले में 4 साल में एक दिन लगने वाली दुकान पर महज 5 रुपये में 2 कोफ्ते मिल रहे है. इतना ही नही इस कोफ्ते में ड्राई फ्रूट्स, अनार का उपयोग किया जा रहा है. ऐसा नही है यह कोफ़्ते घटिया क्वालिटी या साइज में बेहद छोटे होते है. बकायदा बेहद सलीके औऱ स्वाद को लिए हुए इन कोफ़्तों के निर्माण में ड्राई फ्रूट का इस्तेमाल होता है.
बाड़मेर के हलवाई कैलाश पूरी बताते है कि पुरुषोत्तम मास की नगर परिक्रमा के दौरान जसदेसर तालाब के पड़ाव में ठहरने वाले हजारों लोगों के लिए इनकी स्टॉल पर आधा दर्जन कारीगर मिलकर यह कोफ़्ते तैयार कर रहे है. एक दिन के लिए बनाए जा रहे कोफ्ते में 3.5 क्विंटल आलू, 2 क्विंटल बेसन, 10 किलो अनार,10-10 किलो काजू-किशमिश के साथ बनाया जा रहा है.
3.5 क्विंटल मसालों से इन खास कोफ़्तों को तैयार किया जाता है. कैलाशपुरी बताते है कि एक क्विंटल मसाले से 3500 कोफ़्ते बनते है. 8 से 10 घण्टे की कड़ी मेहनत से यह आधा दर्जन कारीगर इन्हें तैयार करते है. वह बताते है कि तड़के 2 बजे से तैयारियां में जुटे हुए हैं तब जाकर लोगो के यहाँ पहुँचने पर उन्हें गरमा गरम कोफ़्ते परोसे जा रहे है. लगातार 2 भट्टियों पर घण्टो की मेहनत से यह स्वादिष्ट कोफ़्ते तैयार कर श्रद्धालुओं को 5 रुपये में 2 कोफ़्ते बेच रहे है.
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FIRST PUBLISHED : July 23, 2023, 21:08 IST