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Maharana Pratap Akbar Controversy Govind Singh Dotasara Poonia Rathore | महाराणा प्रताप और अकबर की लड़ाई पर डोटासरा की नई थ्योरी, भाजपा ने साधा निशाना

महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुई लड़ाई को को सत्ता का संघर्ष बताकर एक बार फिर पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने नई चर्चा छेड़ दी है। उनके इस बयान के आते ही भाजपा नेताओं ने पलटवार शुरू कर दिए

जयपुर

Updated: February 17, 2022 09:22:36 pm

महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुई लड़ाई को को सत्ता का संघर्ष बताकर एक बार फिर पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने नई चर्चा छेड़ दी है। उनके इस बयान के आते ही भाजपा नेताओं ने पलटवार शुरू कर दिए हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इसे डोटासरा की कुंठित मानसिकता करार दिया है।

महाराणा प्रताप और अकबर की लड़ाई पर डोटासरा की नई थ्योरी, भाजपा ने साधा निशाना

महाराणा प्रताप और अकबर की लड़ाई पर डोटासरा की नई थ्योरी, भाजपा ने साधा निशाना

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि गोविंद डोटासरा को मतिभ्रम है, कांग्रेस को मुस्लिम वोटों का मोह छूट नहीं रहा। महाराणा प्रताप का अकबर के साथ युद्ध सत्ता संघर्ष नहीं, राष्ट्रवाद की लड़ाई थी, स्वाभिमान का युद्ध था। देश की अस्मिता की रक्षा का संघर्ष था। इससे पहले भी कांग्रेस अकबर को महान बताकर हिंदुवा सूरज वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का अपमान कर चुकी है। उन्होंने कहा कि रीट पेपर लीक मामले में डोटासरा कह रहे थे कि ठठेरे की बिल्ली खुड़के स्यूं कोनी डरै, तो फिर सीबीआई से क्यों डर रहे हैं? सीबीआई की जांच और नौकरियों की भर्ती अलग-अलग हैं, सीबीआई सिर्फ जांच करती है और दोषियों तक पहुंचती है, नौकरियां नहीं लगाती। कांग्रेस सरकार की नीयत साफ होती तो 15 भर्तियां लंबित नहीं होती। कांग्रेस प्रदेश के युवाओं को ठग रही है। आपको बता दें कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुई लड़ाई को धार्मिक लड़ाई बताकर पाठ्यक्रम में शामिल करवा रखा था, जबकि ये सत्ता का संघर्ष था। बीजेपी हर चीज को हिन्दू-मुस्लिम के धार्मिक चश्मे से देखती है।

कुंठित मानसिकता का परिचय-राठौड़ उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि गोविंद डोटासरा जी, महाराणा प्रताप व अकबर की लड़ाई ‘संप्रभुता, स्वतंत्रता और स्वाभिमान’ की लड़ाई थी जो भारतीय संविधान के आदर्श हैं, ना कि सत्ता की लड़ाई थी। राजस्थान की आन बान शान के प्रतीक महाराणा प्रताप के खिलाफ बार-बार कुंठित मानसिकता का परिचय देना आपकी आदत में शुमार हो गया है।

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