40 साल बाद खुलेगी तिजोरी, नहीं मिला मालिक, थाने में देखने आ रहे लोग, जानें क्या है इसमें खास | 1981 floods kotkasim police station tijori story

अगले सप्ताह खुलेगा तिजोरी का ‘तिलिस्म’, ताला तोडऩे के लिए एसएचओ पेश करेंगे इस्तगासा
जयपुर
Published: January 12, 2022 04:52:51 pm
ओमप्रकाश शर्मा / जयपुर। कोटकासिम थाने में बीते 40 साल से पड़ी तिजोरी का तिलिस्म अगले सप्ताह खुलेगा। मुनादी की समय सीमा पूरी होने के साथ ही अगले सप्ताह थानाधिकारी ताला खोलने के लिए पुलिस अधीक्षक (भिवाड़ी) कार्यालय में इस्तगासा पेश करेंगे।

पुलिस ने तिजोरी को चार जनवरी को रिकॉर्ड पर लिया था। थाने में तिजोरी के संबंध में कोई पुराने दस्तावेज नहीं मिले। तिजोरी के मालिकाना हक को लेकर मुनादी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब इस्तगासा पेश करने का निर्णय लिया गया है।
तिजोरी देखने थाने पहुंचे लोग
कोटकासिम थाने में मंगलवार को रिपोर्ट दर्ज कराने वालों के अलावा और लोग भी पहुंचे। ये वे लोग थे जो तिजोरी देखने के लिए गए थे। उन्हें केवल तिजोरी देखनी थी, उसकी दावेदारी से कोई ताल्लुक नहीं था।
…तालों के वेल्डिंग
तिजोरी के दो कुंदों में से एक के ताला लगा हुआ है, जो जंग खा चुका है। इसके बावजूद इसको खोलना आसान नहीं है। तिजोरी के ऊपरी हिस्से में एक अंदरूनी ताला है। पुलिस को कटर से इसके बाहरी आवरण पर लगी लोहे की एंगल काटनी होगी। यह चारों तरफ से वेल्ड की हुई है।
थाने का पूरा रेकॉर्ड खंगाला
तिजोरी का मामला जब उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो सबसे पहले यह पता लगाने के लिए कहा गया कि यह कब से मालखाने में पड़ी है। थाने का पूरा रेकॉर्ड खंगाला, लेकिन तिजोरी से संबंधित कोई कागज नहीं मिला। इस पर थाने के पुराने स्टाफ से जानकारी जुटाई गई। बस इतना ही पता चल सका कि वर्ष 1981 में आई बाढ़ के दौरान यह तिजोरी साबी नदी के बहाव क्षेत्र में मिली थी।
क्रेन से पड़ा उठाना
संदूक का वजन इतना है कि पुलिस के दस जवान भी उसे हिला तक नहीं सके। इसलिए तिजोरी को उठाने के लिए क्रेन की मदद लेनी पड़ी। क्रेन की मदद से तिजोरी को नए थाने में रखवाया गया।
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