Religion

Holi 2023: यहां भक्तों संग देवता खेलते हैं होली, इस मंदिर में केसर के रंग से रंगे जाएंगे भगवान

Banke Bihari Temple Mathura: ब्रजमंडल की होली में शामिल होने के लिए देश विदेश से श्रद्धालु जुटते हैं। मथुरा के वृंदावन क्षेत्र में स्थित बांके बिहारी मंदिर में होली का पर्व धूम धाम से मनाया जाता है। बांके बिहारी मंदिर में रंगभरी एकादशी के दिन होली धूमधाम से मनाई जाती है। इसको लेकर तीन मार्च को यहां आयोजन होगा।

बांके बिहारी मंदिर में रंगभरी एकादशी (फाल्गुन शुक्ल एकादशी) के दिन शुद्ध केसर से बनाए रंग से बांके बिहारी को रंगा जाएगा। इसके बाद से यहां परंपरागत होली की शुरुआत होगी। इसके बाद मंदिर परिसर में टेसू के रंगों के साथ-साथ चौव्वा, चंदन, अबीर और गुलाल से होली खेली जाएगी।

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बता दें कि बसंत पंचमी से ही मथुरा के मंदिरों में ठाकुरजी को गुलाल भेंट किया जाता है। इस गुलाल को प्रसाद स्वरूप श्रद्धालुओं पर उड़ाया भी जाता है। मथुरा, वृंदावन, बरसाना, नंदगांव, गोवर्धन, राधाकुंड, गोकुल, महावन, बलदेव आदि तीर्थस्थलों पर होली का पर्व बसंत पंचमी से शुरू होकर फाल्गुन पूर्णिमा के अगले दिन तक सेलिब्रेट किया जाता है।

काशी विश्वनाथ मंदिर में भी होलीः वाराणसी में रंग भरी एकादशी के दिन काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष पूजा होती है। इसमें भगवान शिव और मां पार्वती को गुलाल लगया जाता है। रंगों की होली खेली जाती है। काशी के राजा कहे जाने वाले बाबा विश्वनाथ, माता पार्वती की इस दिन पालकी निकाली जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव माता पार्वती और गणों के साथ होली खेलते हैं। इस दिन बाबा विश्वनाथ का श्रृंगार किया जाता है, उन्हें दूल्हे के रूप में सजाया जाता है। इस दिन शिव पार्वती का गौना कराया जाता है।

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रंगभरी एकादशी का महत्वः मान्यता है कि रंगभरी एकादशी के दिन ही विवाह के बाद भगवान शिव, माता पार्वती के साथ पहली बार काशी आए थे। यहां भक्तों ने शिव पार्वती का स्वागत गुलाल से किया था। इसी से इस दिन शिव पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन काशी में भगवान शिव की बारात भी निकाली जाती है।

रंगभरी एकादशीः फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि की शुरुआत 2 मार्च सुबह 6.39 बजे से हो रही है और यह तिथि संपन्न तीन मार्च सुबह 9.11 बजे तक है। इसलिए उदयातिथि में रंगभरी एकादशी तीन मार्च को मनाई जाएगी।

मथुरा में होली के कार्यक्रम

24 फरवरी यानी आज रमणरेती आश्रम में शरणानंद महाराज के आश्रम में होली खेली जाएगी।
27 फरवरी को बरसाना के लाड़लीजी मंदिर में लड्डू की होली
28 फरवरी को बरसाना की रंगीली गली में लट्ठमार होली
1 मार्च को बरसाना के हुरियार नंदगांव के हुरियारिनों के साथ होली खेलेंगे
3 मार्च को श्रीकृष्ण जन्मभूमि और बांके बिहारी मंदिर में होली
4 मार्च को गोकुल में लट्ठमार होली
6 मार्च को होलिका दहन कार्यक्रम
7 मार्च को निकलेगा द्वारिकाधीश का डोला, इस दिन पूरे ब्रज में ही होली खेली जाएगी।
8 मार्च को दाउजी और नंदगांव का हुरंगा निकलेगा
9 मार्च को गांव बठैन और गिदोह में हुरंगा
12 मार्च को रंगपंचमी पर रंगनाथजी मंदिर में होली खेली जाएगी।

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