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450 साल पुराना अजमेर का चमत्कारी सगाई वाले बालाजी का मंदिर…जहां कुंवारे युवक-युवतियों की मन्नत होती है पूरी, क्या है इसका रहस्य

Last Updated:November 17, 2025, 21:29 IST

अजमेर की पुरानी गलियों में स्थित अर्ध चंदेश्वर महादेव मंदिर अपनी 450 साल पुरानी विरासत और चमत्कारिक आस्था के लिए जाना जाता है. यहां विराजमान “सगाई वाले बालाजी” कुंवारे युवक-युवतियों की मनोकामनाएँ पूरी करते हैं, और मंदिर परिसर में स्थापित पंचमुखी शिवजी की मूर्ति श्रद्धालुओं को अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है. भक्त यहां दूर-दूर से मन्नत मांगने और प्रसादी-भजन कीर्तन का आयोजन करने आते हैं.क्या है अजमेर के अर्ध चंदेश्वर महादेव मंदिर सगाई वाले बालाजी की अनोखी कहानीसगाई वाले बालाजी का प्राचीन मंदिर

अजमेर. ये शहर अपनी आध्यात्मिक धरोहरों, प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक महत्व के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां कई ऐसे देवस्थल हैं, जिनकी परंपराएं सदियों से लोगों की आस्था से जुड़ी हुई हैं, इन्हीं पावन स्थलों में से एक है मराठा कालीन अर्ध चंदेश्वर महादेव मंदिर, जहां विराजमान बालाजी को “सगाई वाले बालाजी” के नाम से जाना जाता है. यह मंदिर अजमेर के नया बाजार में स्थित है. कुंवारे युवक-युवतियों की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए लोग यहां आते हैं.

यह मंदिर न केवल मराठा कालीन स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है, बल्कि अपनी अनोखी मान्यता और चमत्कारिक कथाओं के कारण भी लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. मंदिर के पुजारी श्याम सुंदर ने “लोकल 18” को बताया कि यह मंदिर लगभग 450 साल पुराना है और प्राचीन समय से ही यहां विराजमान बालाजी को “सगाई वाले बालाजी” के नाम से जाना जाता रहा है. मंदिर में विराजित बालाजी कुंवारे युवक-युवतियों की मनोकामना पूरी करते हैं, इसी महिमा को देखकर दूर-दूर से श्रद्धालु मन्नत मांगने यहां आते हैं.

35 सालों से मंदिर में सेवामंदिर के पुजारी श्याम सुंदर शुक्ला ने बताया कि वह पिछले 35 सालों से मंदिर की सेवा कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि दूर-दूर से लोग बालाजी के दर्शन करने आते हैं और कई लोगों की मनोकामना पूर्ण होती है. जब मनोकामना पूरी हो जाती है, तो श्रद्धालु अपनी इच्छा अनुसार मंदिर में प्रसादी और भजन-कीर्तन का आयोजन करवाते हैं.

भगवान शिव की पंचमुखी मूर्तिपुजारी ने आगे बताया कि मंदिर परिसर में भगवान शिव की पंचमुखी मूर्ति भी स्थापित है, इसकी अलग-अलग पूजा होती है और अलग-अलग प्रकार से श्रृंगार किया जाता है. मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर परिसर में एक कुआं है, उसी के जल से भगवान का अभिषेक और स्नान कराया जाता है. बाहर का जल मंदिर में चढ़ाया नहीं जाता.

अन्य आकर्षणमंदिर का प्रांगण शांति और श्रद्धा का अनुभव कराता है, त्योहारों और विशेष अवसरों पर मंदिर में भव्य मेले और धार्मिक आयोजन होते हैं, जो लोगों को आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कराते हैं. यह स्थल न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि पर्यटकों और भक्तों के लिए भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र है.

Monali Paul

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW… और पढ़ें

Location :

Ajmer,Rajasthan

First Published :

November 17, 2025, 21:29 IST

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क्या है अजमेर के अर्ध चंदेश्वर महादेव मंदिर सगाई वाले बालाजी की अनोखी कहानी

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