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48000 करोड़ के चिटफंड का केस, पूर्व मंत्री प्रताप खाचरियावास के घर, ED की रेड

Last Updated:April 15, 2025, 10:04 IST

Pratap Singh Khachariyawas: प्रताप सिंह खाचरियावास ने छापेमारी को लेकर कहा, ‘ये जांच करने आये हैं. ED अपनी जांच करने आई है. मुझे इस सरकार का इलाज करना आता है. प्रताप सिंह को कोई डर नहीं है.’48000 करोड़ के चिटफंड का केस, पूर्व मंत्री प्रताप खाचरियावास के घर, ED की रेड

कांग्रेस नेता के गर पर ईडी की रेड.

जयपुरः राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के बेहद चर्चित नेता प्रताप सिंह खाचरियावास सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम छापेमारी कर रही है. जांच एजेंसी के सूत्र के मुताबिक दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान, के करीब 20 लोकेशन पर ये सर्च ऑपरेशन की कार्रवाई की जा रही है. ईडी की यह छापेमारी देश की सबसे बड़े PACL चिटफंड से जुड़ा हुआ है.

कांग्रेस के बड़े नेता हैं प्रताप सिंह खाचरियावासप्रताप सिंह खाचरियावास एक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता हैं, जो राजस्थान सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के पूर्व कैबिनेट मंत्री थे. वह अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्रियों में से एक रहें हैं. इस चिटफंड घोटाले का कनेक्शन पंजाब, बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल सहित दर्जनों राज्यों से है. ये चिटफंड घोटाला मामला देश का सबसे बड़ा चिटफंड घोटाला माना जाता है.

‘इस सरकार का इलाज करना आता है’प्रताप सिंह खाचरियावास ने छापेमारी को लेकर कहा, ‘ये जांच करने आये हैं. ED अपनी जांच करने आई है. मुझे इस सरकार का इलाज करना आता है. प्रताप सिंह को कोई डर नहीं है. ये डबल इंजन की सरकार है. इन्होंने ED को भेजा है. मुझे कोई नोटिस नहीं दी गयी है। आप अचानक सर्च करने आ गए? कोई चिटफंड का मामला नहीं है. इनको शर्म नहीं आती की भैरों सिंह शेखावत के छोटे भाई के घर में सर्च करवा रही है. ED ने जब मेरे नेता राहुल गांधी को बुला लिया तो मैं तो एक छोटा सा कार्यकर्ता हूँ. सर्च करवा देंगे.’

सीबीआई ने दर्जनों लोगों को किया गिरफ्तारसीबीआई द्वारा इस मामले में अब तक एक दर्जन से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. इस मामले की अगर बात करें तो पीएसीएल कंपनी को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI ) ने करीब 18 सालों में निवेशकों से कम से कम करीब 49,100 हजार करोड़ रूपये अवैध तौर पर इकट्ठा करने के लिए प्रतिबंधित की थी. इसी वजह से इस मामले को भारत देश का सबसे बड़ी चिटफंड लूट भी कहा जाता है.

ईडी ने सीबीआई से केस किया टेकओवरपीएसीएल कंपनी का निर्माण साल 1982 में किया गया था. हालांकि इस कंपनी के द्वारा किए गए फर्जीवाड़े की वजह से साल 2025 में इसपर बैन लगा दिया गया था.सीबीआई द्वारा इस मामले को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद 19 फरवरी 2014 को मामला दर्ज किया गया था. सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक कंपनी पीएसीएल चिटफंड कंपनी के चेयरमैन, सीएमडी समेत दर्जनों अधिकारियों, प्राइवेट पर्सन और अज्ञात सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर को आधार बनाते हुए केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी द्वारा इस केस को टेकओवर किया गया था.

First Published :

April 15, 2025, 10:04 IST

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