कोटा के 7 सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का आदेश जारी, अगले साल तक पूरा होगा काम


कोटा के 7 सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का आदेश जारी.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के बाद स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा के 7 सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने का कार्यादेश किया जारी. अगले साल अगस्त तक पूरा होगा काम.
कोटा. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के हर राजकीय चिकित्सालय को ऑक्सीजन मामले में आत्मनिर्भर बनाने का ऐलान किया था. इसके बाद कोटा के 7 सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्यादेश जारी कर दिया गया है. ये सभी प्लांट एक साल के रखरखाव और दो साल की वारंटी के साथ लगाए जाएंगे. अगले साल यानी अगस्त 2021 तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा.
कोटा के सभी राजकीय चिकित्सालयों में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल के निर्देशों पर 7 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्यादेश जारी किया गया है. नगर विकास न्यास कोटा इसका खर्च वहन करेगा. मंत्री ने बताया कि नगर विकास न्यास कोटा दूसरे चरण में 7 ऑक्सीजन प्लांट लगाएगा. प्लांट लगाने की संपूर्ण प्रक्रिया के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति ने प्रदेश के राजकीय चिकित्सालयों में अलग-अलग क्षमता के प्लांट लगाने के लिए निर्धारित तकनीकी मापदण्ड एवं तकनीक का निर्धारण किया है. यह सभी ऑक्सीजन प्लांट एक वर्ष के संचालन व रखरखाव, दो साल की वारंटी के साथ स्थापित किए जाएंगे.
इस अस्पतालों में लगेंगे प्लांट
कोटा के जिन 7 राजकीय चिकित्सालयों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं, उनमें सेन्ट्रल लाइन के जरिये बेड तक ऑक्सीजन की सप्लाई की जा सकेगी. यह प्लांट मुख्य रूप से कोटा न्यू मेडिकल कॉलेज में 1040 सिलेण्डर या 520 बेड क्षमता का, एमबीएस हॉस्पिटल में 800 सिलेण्डर या 400 बेड क्षमता का, जेके लॉन हॉस्पिटल कोटा में 200 सिलेण्डर या 100 बेड क्षमता का, रामपुरा सेटेलाईट हॉस्पिटल में 100 सिलेण्डर या 50 बेड क्षमता का, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र विज्ञान नगर, दादावाड़ी, कुन्हाड़ी में 300 सिलेण्डर या 150 बेड क्षमता का तथा सामुदायिक केन्द्र ईटावा, कैथून, सांगोद में 300 सिलेण्डर या 150 बेड क्षमता का एवं राजकीय चिकित्सालय रामगंजमण्डी में 100 सिलेण्डर या 50 बेड क्षमता का लगाया जाएगा. कोटा के 7 राजकीय अस्पतालों में 1,414 हॉस्पिटल बेड पर प्रतिदिन पाइप या 2840 सिलेंडर के माध्यम से ऑक्सीजन पहुंचाई जा सकेगी. इससे कोटा शहर ऑक्सीजन के मामलें में आत्मनिर्भर हो सकेगा.