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करोड़ों के घरों में 5 स्टार सुविधाएं, फिर भी खरीदारों को सता रहा कौन सा डर? लॉ एक्सपर्ट ने बताया property price in ncr increasing while people do not want to invest why

Last Updated:September 01, 2025, 15:42 IST

प्रॉपर्टी की कीमत दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है. यहां तक क‍ि र‍ियल एस्‍टेट डेवलपर्स भी एक से एक आलीशान सुव‍िधाओं के साथ करोड़ों रुपये के लग्‍जरी घर बनाकर पेश कर रहे हैं, लेकिन फ‍िर भी एक ऐसी चीज है जो घर खरीदारों को परेशान कर रही है. बता रहे हैं लॉ एक्‍सपर्ट..

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करोड़ों के घरों में 5 स्टार सुविधाएं, फिर भी खरीदारों को सता रहा कौन सा डर?प्रॉपर्टी खरीदने में क्‍यों डर रहे लोग?

Property News: भारत के मेट्रो सिटीज या एनसीआर में आजकल घर लेना है तो लाखों की नहीं बल्कि करोड़ों की बातें करिए. एक से एक आलीशान हाउसिंग सोसायटीज में फाइव स्टार होटलों जैसी सुविधाएं और विदेशों में मौजूद बिल्डिंगों से भी खूबसूरत डिजाइन वाले घर बनाए भी जा रहे हैं और उतनी ही स्पीड से खरीदे भी जा रहे हैं. प्रॉपर्टी बाजार निवेश का बेहतरीन विकल्प बनने के साथ ही जबर्दस्त रिटर्न देने वाला मार्केट भी बन गया है. हालांकि इतने के बावजूद एक चीज है जो घर खरीदारों को डरा रही है.

एनसीआर के कुछ हिस्सों में रेजिडेंशियल या कॉमर्शियल प्रॉपटी खरीदने वाले लोगों को बिल्डरों या डेवलपर्स की ओर से झटका लगा है, जब उन्हें तय समय पर उनके घर आवंटित नहीं हुए. इतना ही नहीं बहुत सारे मामले फ्रॉड के भी हुए और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए. लिहाजा एक चीज ऐसी है जो रियल एस्टेट के इतना तरक्की करने के बाद भी घर खरीदारों को परेशान कर रही है और वह है इन्वेस्टर्स के विश्वास की कमी.

पिछले कुछ सालों में देखा जा रहा है कि प्रॉपर्टी प्रोजेक्ट्स में देरी, अनुबंधों के कमजोर इन्फोर्समेंट और असंगत नियमों ने कई घरेलू और वैश्विक निवेशकों को इस क्षेत्र में अपना पैसा लगाने से रोक दिया है. हालांकि पिछले एक दशक में, कई सुधार भी हुए हैं जिनमें रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (रेरा) की शुरुआत हुई. साथ ही दिवाला कानून में बदलाव और न्यायालयों का हस्तक्षेप भी शामिल हैं. ऐसा होने से जरूरी पारदर्शिता भी आई है लेकिन उद्योग विशेषज्ञ बताते हैं कि निवेश आकर्षित करने और उसे बनाए रखने में सबसे महत्वपूर्ण कारक कानूनी निश्चितता है.

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और इंटीग्रेट लॉ के फाउंडर वेंकेट राव कहते हैं कि किसी भी निवेशक के लिए, चाहे वह घरेलू हो या विदेशी, मुनाफा महत्वपूर्ण है, लेकिन सुरक्षा सबसे पहले आती है. एक मज़बूत और पूर्वानुमानित कानूनी ढांचा उन्हें आश्वस्त करता है कि उनका निवेश रेगुलेटरी अस्पष्टताओं, संविदात्मक विवादों या देरी से पूरी होती परियोजना चक्रों में नहीं फंसेगा. पिछले कुछ सालों में रेरा (RERA) जैसे सुधारों और सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसलों ने कुछ हद तक विश्वास बहाल करने में मदद की है हालांकि लगातार इन्फोर्समेंट ही असली परीक्षा है.

ऐतिहासिक रूप से रेगुलेटरी अस्थिरता इन्वेस्टर्स के लिए सबसे बड़ी बाधाओं में से एक रही है. अचानक नीतिगत बदलाव, राज्य-स्तरीय कार्यान्वयन का अभाव और अस्पष्ट इन्फोर्समेंट सिस्टम ने अनिश्चितता का माहौल पैदा किया. इसने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और बड़े पैमाने पर घरेलू पूंजी दोनों को रियल एस्टेट बाजार में आने से हतोत्साहित किया. राव इस बात पर जोर देते हैं कि विदेशी निवेशक ऐसे बाजारों की ओर आकर्षित होते हैं जहां नीतियां पहले से तय होती हैं और कानूनों का सही ढंग से पालन होता है. इसी तरह, घरेलू संस्थागत निवेशक और यहां तक कि उच्च-निवल-मूल्य वाले व्यक्ति भी रियल एस्टेट परियोजनाओं में पूंजी लगाने से पहले कानूनी आश्वासन चाहते हैं. इन्फोर्समेट स्थिरता ऐसे निवेशों के लिए एक चुंबक का काम करती है.

बता दें कि घर खरीदारों का भरोसा रातोंरात नहीं बनता, यह भरोसे की नींव पर टिका होता है. कानूनी निश्चितता यह सुनिश्चित करती है कि घर खरीदार और निवेशक, दोनों सुरक्षित महसूस करें, जिससे इस क्षेत्र की समग्र विश्वसनीयता में सुधार होता है.

राव आगे कहते हैं कि भारतीय रियल एस्टेट के लिए सबसे बड़ी चुनौती डेवलपर्स, खरीदारों और निवेशकों के बीच विश्वास की कमी रही है. कानूनी निश्चितता ही वह पुल है जो इस अंतर को पाट सकती है. यह घर खरीदारों को उनके हितों की सुरक्षा का आश्वासन देती है और साथ ही निवेशकों को उनकी पूंजी की सुरक्षा का आश्वासन भी देती है. यह दोहरी सुरक्षा ही बड़े पैमाने पर पुनरुद्धार को गति प्रदान करेगी.

priya gautamSenior Correspondent

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi..com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्…और पढ़ें

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi..com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्… और पढ़ें

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First Published :

September 01, 2025, 15:42 IST

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