नंदपुरा में नहर पटरी टूटने से 50 बीघा फसल बर्बाद

Last Updated:December 23, 2025, 17:27 IST
Dhaulpur News: धौलपुर के नंदपुरा गांव में तसीमों नहर की माइनर टूटने से 50 बीघा फसल बर्बाद हुई. किसानों ने सिंचाई विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे और कार्रवाई की मांग की. किसानों के अनुसार तसीमों नहर की माइनर में अचानक पानी का दबाव बढ़ गया. दबाव अधिक होने से नंदपुरा गांव के पास कच्ची पटरी टूट गई.
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धौलपुर. धौलपुर जिले के नंदपुरा गांव में तसीमों नहर की माइनर की पटरी टूटने से किसानों की करीब 50 बीघा जमीन में खड़ी फसल जलमग्न होकर बर्बाद हो गई. घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुंचे. खेतों में पानी भरा देख किसानों के चेहरे पर चिंता साफ दिखाई दी. गेहूं, सरसों और आलू की फसल पूरी तरह पानी में डूबी हुई मिली, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा.
किसानों के अनुसार तसीमों नहर की माइनर में अचानक पानी का दबाव बढ़ गया. दबाव अधिक होने से नंदपुरा गांव के पास कच्ची पटरी टूट गई. देखते ही देखते पानी खेतों में फैल गया और करीब 50 बीघा क्षेत्र में खड़ी फसल जलमग्न हो गई. सूचना मिलने के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने माइनर को बंद कराया, लेकिन तब तक फसलों को भारी नुकसान हो चुका था.
सिंचाई विभाग पर लापरवाही का आरोपकिसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. किसानों का कहना है कि माइनर में पानी छोड़ने से पहले नहर की साफ-सफाई नहीं कराई गई. लंबे समय से नहर में घास-फूस उगा हुआ था और नहर की हालत जर्जर बनी हुई थी. इसके बावजूद अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ा.
पहले भी दी थी शिकायत, नहीं हुआ समाधानकिसान घूरेलाल ने बताया कि नहर की खराब स्थिति को लेकर कई बार सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया गया था. इसके बावजूद किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई. यदि समय रहते नहर की सफाई और मरम्मत कर दी जाती, तो आज 50 बीघा में खड़ी फसल खराब नहीं होती. किसानों का कहना है कि उनकी मेहनत और पूंजी दोनों ही इस लापरवाही की भेंट चढ़ गई.
मुआवजे और कार्रवाई की मांगकिसानों ने कहा कि एक फसल को तैयार करने में उन्हें भारी आर्थिक कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है. खून-पसीना बहाकर फसल उगाई जाती है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनकी मेहनत आंखों के सामने बर्बाद हो गई. किसान घूरेलाल ने मांग की है कि जिन अधिकारियों ने नहर की जर्जर हालत पर ध्यान नहीं दिया, उनके खिलाफ प्रशासन ठोस कार्रवाई करे. साथ ही सरकार खराब हुई फसलों का उचित मुआवजा भी किसानों को दे, ताकि वे हुए नुकसान की भरपाई कर सकें.
About the AuthorAnand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
Location :
Dhaulpur,Rajasthan
First Published :
December 23, 2025, 17:27 IST
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धौलपुर में नहर की पटरी टूटी तो डूब गई 50 बीघा फसल, किसानों की मेहनत बर्बाद



