66 deaths due to cough syrup: Pharma company did not supply in India | कफ सीरीप से 66 मौतें: भारत में सप्लाई के लिए फार्मा कंपनी के पास नहीं था लाइसेंस, 10 जरूरी अपडेट
1. लैब भेज गए सैंपल्स : इस मामले पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि डब्ल्यूएचओ द्वारा भारत की मेडेन कंपनी की कफ सीरप के बारे में उत्पाद अलर्ट जारी करके बाद इस बारे में केंद्र सरकार के अधिकारी पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। सैंपल लिए गए हैं और इनको अब सेंट्रल ड्रग लैब को भेजा जाएगा। कोलकाता स्थित लैब की रिपोर्ट आने के बाद कुछ भी गलत पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
2. भारत में आपूर्ति का लाइसेंस नहीं: वहीं अखिल भारतीय केमिस्ट और ड्रगिस्ट संगठन ने कहा है कि, भारत में मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड दवाओं की कोई आपूर्ति नहीं है। संगठन ने बताया है कि वे केवल अपने उत्पादों का भारत से बाहर निर्यात करते हैं। फिर भी, यदि भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोई दिशानिर्देश जारी किया जाता है तो हम उन दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।
3. सिर्फ निर्यात के कंपनी के पास लाइसेंस: यही नहीं , भारत सरकार ने भी बताया है कंपनी के पास भारत में इन दवाओं की आपूर्ति के लिए लाइसेंस ही नहीं था, इनको सिर्फ निर्यात किया जा रहा था। कंपनी के ट्विटर प्रोफाइल पर भी इस एक्सक्लूसिव रूप से निर्यात प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी बताया गया है।

5. कंपनी ने नहीं किया WHO को सुरक्षित उत्पाद के बार में आश्वस्त : चेतावनी में कहा गया है, कि इंगित किए गए निर्माता ने अब तक प्रदूषित उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को कोई गारंटी नहीं दी है। तो चलिए आपको एक बार फिर बताते हैं कि…डब्ल्यूएचओ द्वारा बुधवार 5 अक्टूबर को जारी मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट के अनुसार, जिन चार उत्पादों में ये शिकायत पाई गई है उनके नाम क्या हैं -ये दवाएं हैं …. प्रोमेथाज़ाइन ओरल सॉल्यूशन (Promethazine Oral Solution), कोफेक्समेलिन बेबी कफ सीरप (Kofexmalin Baby Cough Syrup), मैकॉफ बेबी कफ सीरप (Makoff Baby Cough Syrup) और मैग्रिप एन कोल्ड सीरप (Magrip N Cold Syrup) हैं।



8. इस तरह करता है ये असर :
आइए आपको बताते हैं कि किस तरह से इस कैमिकल डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल का मानव शरीर पर तीन चरणों में असर होता है —-
पहली स्टेज – 2 दिन में उल्टी – दस्त, पेट – दर्द और दिमाग सुन्न पड़ने जैसे हालात
दूसरी स्टेज – तीसरे-चौथे दिन में किडनी फेल की शिकायत, यूरिन पास नहीं होती है, ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और हृदय गति अनियमित हो जाती है।
तीसरी स्टेज – 5 से 10 दिन में पैरालिसिस के लक्षण और कोमा के अलावा मौत तक मुमकिन
9. बच्चों के लिए बेहद असुरक्षित : WHO ने जारी बयान में बच्चों के लिए इन दवाओं को सर्दी और खांसी की शिकायत पर दिए जाने पर बेहद असुरक्षित बताया है, खासतौर से ये दवाएं बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती हैं, इससे लोगों को गंभीर इंजरी हो सकती है, यहां तक कि उनकी मौत भी हो सकती है, इसलिए ऐसी किसी दवा का उपयोग न करें।
10. मौतें इसी दवा से हुई हैं इसका अभी तक सीधा एक कारकीय समानुपातिक संबंध स्थापित नहीं किया गया है।