70th government in 77 years: Italy gets country’s first female PM | 77 साल में 70वीं सरकार: इटली को मिली पहली महिला प्रधानमंत्री, “ईश्वर, परिवार और मातृभूमि” को मुद्दा बनाने वालीं मेलोनी संभालेंगी कमान
इटालियंस होने पर गर्व करने के लिए करेंगी शासन एग्जिट पोल में लगातार आगे चल रही मेलोनी ने जीत की पूर्व संध्या पर कहा कि, “अगर हमें इस राष्ट्र पर शासन करने के लिए कहा जाता है, तो हम सभी इटालियंस के लिए ऐसा करेंगे, लोगों को विभाजित करने के बजाय उन्हें एकजुट करने के उद्देश्य से, उन्हें इटालियंस होने पर गर्व करने के लिए, इतालवी ध्वज को लहराने के लिए ऐसा करेंगे।” पहले अनुमानों के परिणाम के बाद एक संक्षिप्त भाषण में भावुक होते हुए मेलोनी ने कहा, “आपने हमें चुना है, और हम आपको धोखा नहीं देंगे,”
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— Giorgia Meloni 🇮🇹 ن (@GiorgiaMeloni) September 26, 2022
This is Italy’s new Prime Minister Giorgia Meloni.
I’ve never heard any politician so perfectly explain what we’re up against and why we fight.
When you watch this video, you’ll quickly realize why the establishment is afraid of her.
pic.twitter.com/CswR8o3mjg— Greg Price (@greg_price11) September 26, 2022
Your Excellence, it is so encouraging to hear a political leader, especially from Europe, to speak like you did here. Please keep being wonderful!
May God bless you and your loved ones, beautiful Italy, protect you, inspire you and guide you always.https://t.co/sA1R83hLfK— Zeljko Bilandzic 🇭🇷 🇨🇦 (@zeljkobil) September 26, 2022
साल 1945 के बाद 77 साल में 70वीं सरकार
इटली में 1945 के बाद 2022 तक 77 साल में 70वीं बार सरकार बदली है। जॉर्जिया मेलोनी के पीएम बनने के साथ ही इटली के फाशिस्ट तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की भी चर्चा तेज हो गई। दरअसल, जॉर्जिया मेलोनी खुद को मुसोलिनी समर्थक मानती हैं। जॉर्जिया मेलोनी ने चुनाव से पहले फॉर्जा इटालिया (Forza Italia) और द लीग के साथ गठबंधन किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गठबंधन को 43% वोट मिले। जॉर्जिया मेलोनी की पार्टी ने 26% वोट हासिल किए। वामपंथी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन को करीब 26 प्रतिशत वोट मिले। वहीं, 5-स्टार मूवमेंट को 15% वोट मिले हैं।
सीनेट में 114 सीटों पर हुई मेलोनी का गठबंधन विजयी
मेलोनी गठबंधन सीनेट की 114 सीटें जीतने में सफल रहीं। इटली में बहुमत साबित करने के लिए सीनेट की 104 सीटों की जरूरत है। इटली में निवर्तमान पीएम मारियो द्रागी की सरकार गठबंधन में शामिल अन्य दलों के समर्थन वापस लेने के बाद जुलाई में गिर गई थी।
सिर्फ चार साल में 4% वोट से पीएम बनने का सफर किया मेलोनी की पार्टी ब्रदर ऑफ इटली दक्षिणपंथी पार्टी है। इसका गठन बेनिटो मुसोलिनी के समर्थकों द्वारा किया गया था। जॉर्जिया मेलोनी की पार्टी ब्रदर ऑफ इटली को अपने उदय के करीब एक दशक बाद यानी 2018 के चुनाव में सिर्फ 4% वोट मिले थे। तब मारियो द्रागी पीएम बने थे। मेलोनी इटली की जनता में तब चर्चित हुईं, जब उनकी पार्टी ने द्रागी के नेतृत्व वाले नेशनल यूनिटी गठबंधन में शामिल न होने का फैसला करते हुए मुख्य विपक्षी दल बनी थी।


रोमन, राजनेता और पत्रकार…पर सबसे पहले इतालवी 2012 में जॉर्जिया ने अपनी पार्टी ब्रदर ऑफ इटली का गठन किया। वे खुद को रोमन, राजनेता और पत्रकार बताती हैं। हालांकि, वे कहती हैं कि वे इससे पहले एक ‘इतालवी’ हैं। मेलोनी ने 2006 में एक बेटी को भी जन्म दिया था। मेलोनी ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था, ”मुसोलिनी एक अच्छे राजनेता थे। उन्होंने जो कुछ भी किया, वह इटली के लिए किया।”
औसतन 13 माह चलती है एक सरकार ”इटली में 77 साल में 70 बार सरकार बदलीइटली में सरकारें बदलती रहती हैं। भले ही इटली में 5 साल में चुनाव होते हैं, लेकिन इसके बावजूद यहां 77 साल में 70 बार सरकार बदल चुकी है। यानी औसत 13 महीने तक ही एक सरकार चलती है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर इटली में इतनी जल्दी सरकार क्यों गिर जाती है। कई जानकार बताते हैं कि इसके कई कारण हैं। सबसे मुख्य कारण ये है कि इटली की राजनीति अभी भी बेनेटो मुसोलिनी के इर्द गिर्द घूमती है। भले ही मुसोलिनी की मौत को 77 साल हो गए हों, लेकिन अभी भी यहां समर्थकों और विरोधियों के बीच सिविल वॉर चलता रहता है।