75-Year-Old Elephant ‘Ramu’ Battles Severe Illness in Udaipur, Vantara Experts Join Ongoing Treatment with Hydra Crane Support

Last Updated:May 04, 2025, 16:40 IST
उदयपुर की 75 वर्षीय हथिनी ‘रामू’ गंभीर बीमारी से जूझ रही है. उसे ‘क्रोनिक फुट रोट’ संक्रमण हुआ है. गुजरात और मथुरा से विशेषज्ञ डॉक्टर इलाज में जुटे हैं. रामू की हालत स्थिर है.X
हथिनी रामु
हाइलाइट्स
75 वर्षीय हथिनी रामू गंभीर बीमारी से जूझ रही है.गुजरात और मथुरा से विशेषज्ञ डॉक्टर इलाज में जुटे हैं.रामू की हालत स्थिर है, लेकिन लंबा इलाज चलेगा.
उदयपुर. उदयपुर के रेती स्टैंड स्थित आवरी माता मंदिर परिसर में रहने वाली 75 वर्षीय हथिनी ‘रामू’ गंभीर बीमारी से जूझ रही है. पिछले करीब 10 दिनों से वह अपने पैरों में आए संक्रमण के कारण खड़ी तक नहीं हो पा रही है. हालत इतनी बिगड़ चुकी है कि अब उसे हर 36 घंटे में हाइड्रा क्रेन की मदद से करवट दिलाई जा रही है. पांच हजार किलो वजनी इस हथिनी की हालत को देखते हुए अब गुजरात के जामनगर स्थित अनंत अंबानी के वन तारा और मथुरा से विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम भी इलाज में जुटी है.
डॉक्टरों ने बताया कि रामू को ‘क्रोनिक फुट रोट’ नामक संक्रमण हो गया है, जिससे उसके पैरों में सूजन और गहरे घाव हो गए हैं. दो नाखून पूरी तरह टूट चुके हैं, जबकि तलवे उखड़ने लगे हैं. वनतारा से आए डॉक्टरों ने स्थानीय पशुपालन विभाग की टीम के साथ मिलकर एक्स-रे, लेजर थेरेपी और ड्रेसिंग जैसी आधुनिक विधियों से उपचार शुरू किया है. फिलहाल हथिनी को पोर्टेबल 80 एमए मशीन से एक्स-रे किया जा रहा है और प्रतिदिन 40 से 60 लीटर ड्रिप चढ़ाई जा रही है.
लगातार चल रहा इलाजपशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. सुरेश कुमार जैन के अनुसार, इस साल महाशिवरात्रि के बाद जब रामू को महाकाल मंदिर से वापस लाया जा रहा था, तब कुछ पशु प्रेमियों ने विरोध कर उसे वहीं रोक लिया. लगभग 15 दिन तक एक ही जगह खड़ी रहने से रामू की तबीयत बिगड़ गई. समय पर उपचार नहीं होने के कारण संक्रमण और बढ़ गया.
खाने पीने का भी रखा जा रहा ध्यानइलाज में बाधा आने के बावजूद विभागीय टीम ने फरवरी से उपचार शुरू किया, लेकिन हालत गंभीर होने पर वनतारा के विशेषज्ञों को बुलाया गया. डॉक्टरों का कहना है कि हथिनी की हालत फिलहाल स्थिर है, लेकिन लंबा इलाज चलेगा. उसे टेंट में कुशनिंग बैग्स पर लिटाया गया है. पैरों में खून का सर्कुलेशन बना रहे, इसके लिए क्रेन से समय-समय पर करवट दिलाई जाती है. खाने में उसे केला, खरबूजा, तरबूज, गन्ना, पपीता और हरा चारा दिया जा रहा है. गर्मी को देखते हुए कूलर भी लगाया गया है.
बाबा नरेश दास, जो कि रामानंद निर्मोही अखाड़े के साधु हैं, पिछले 30 वर्षों से रामू की देखरेख कर रहे हैं. साल 1992 में वे इसे बिहार के सोनपुर पशु मेले से लाए थे. उस वक्त इसकी उम्र 35 साल थी. आज 75 वर्ष की उम्र में रामू बीमार है, लेकिन शहरभर से लोग उसे देखने और सेवा में योगदान देने आ रहे हैं. वनतारा जैसे संस्थानों के जुड़ने से उम्मीद जगी है कि यह बुजुर्ग हथिनी फिर से स्वस्थ हो पाएगी.
Location :
Udaipur,Udaipur,Rajasthan
homerajasthan
Udaipur News: 75 साल की बीमार हथिनी ‘रामू’ के इलाज में जुटे विशेषज्ञ डॉक्टर