प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है गांव का यह सरकारी स्कूल, यहां बच्चे बोलते हैं फर्राटेदार इंग्लिश

रविंद्र कुमार/ झुंझुनूं. अब तक आपने प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को तो अक्सर फर्राटेदार अंग्रेजी में बात करते देखा और सुना होगा. लेकिन क्या आपने कल्पना की है कि यह सब सरकारी स्कूल के बच्चों के साथ भी संभव है.झुंझुनू के पास की ग्राम पंचायत देरवाला के गांव खिदरसर का महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में छठी क्लास के बच्चे बड़ी ही आसानी से इंग्लिश में बात करते हैं. इस स्कूल की शुरुआत जुलाई 2019 में हुई थी. उस समय यह स्कूल आठवीं क्लास तक था. मौजूदा दौर में यह स्कूल 12वीं क्लास तक संचालित है. इस स्कूल में साइंस सब्जेक्ट संचालित है. जहां के रिजल्ट की अगर बात करें तो दसवीं का रिजल्ट बहुत ही अच्छा रहा है.
दरअसल स्कूल का भवन देखकर हम यह बिल्कुल भी अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि इस स्कूल के बच्चे इतनी शानदार इंग्लिश बोलते हैं. क्लास में इंग्लिश बोलते देख बच्चों से जब इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनकी क्लास समय-समय पर आयोजित होती है. अच्छी बात सामने आई कि उनकी कोई भी क्लास बिना टीचर के नहीं होती है.उनके जो अच्छे पढ़े-लिखे टीचर है, वह उन्हें समय-समय पर इन चीजों के लिए गाइड करते रहते हैं. प्रिंसिपल का भी प्रयास रहता हैकि बच्चों को अच्छी इंग्लिश बोलना सिखाया जा सके.बच्चों ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई का वातावर बहुत हीअच्छा है. इसीवजह सेआज वह सब आपस में इंग्लिश में बातें कर पा रहे हैं.बच्चों ने बताया कि स्कूल में क्लास के साथ और भी बहुत एक्टिविटी करवाई जाती हैं. जिनमें गेम्स में खो-खो, कबड्डी, वॉलीबॉल, फुटबॉल के साथ ही सिंगिंग, यह सब एक्टिविटी भी बच्चों को करवाई जाती है.
इंग्लिश विषय की वरिष्ठ अध्यापिका रेणू ने बताया कि स्कूल में बच्चों को 5 दिन विषय के बारे में पढ़ाया जाता है. एक दिन उनको कम्युनिकेशन स्किल के बारे में लेक्चर दिया जाता है कि किस तरीके से बच्चों को इंग्लिश में किसी से बात करनी है. उसी का प्रभाव देखने को मिल रहा है कि आज बच्चे क्लास में स्कूल में फर्राटेदारइंग्लिश बोल रहे हैं.उन्होंने बताया कि स्कूल के प्रधानाचार्य भी इसमें अपनी पूरी भूमिका अदा कर रहे है.जब भी उन्हें मौका मिलता है तो वह क्लास में जाकर बच्चों को इंग्लिश बोलने के लिए प्रेरित करते है.ग्रामीण एरिया की स्कूल होने की वजह से बच्चों को इंग्लिश का माहौल छोटी क्लास में नहीं मिल पाता है, लेकिनछठी क्लास के बाद बच्चों को इंग्लिश बोलने के लिए प्रेरित किया जाता है और उसका प्रभाव बच्चों पर अच्छी तरीके से देखा जाता है.बच्चों को अच्छी इंग्लिश बोलने के लिए दिन में 10 से 15 सेंटेंस दिए जाते हैं कि उन्हें किस तरीके से इंग्लिश में बातें करनी है.
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FIRST PUBLISHED : July 25, 2023, 18:24 IST