Rajasthan

80 रुपए से शुरू की चाय की दुकान पर नौकरी, अब कमा रहे 10 लाख रुपए सालाना, जानें एक चायवाले की कामयाबी की कहानी

शक्ति सिंह/कोटा. अगर आगे बढ़ने की धुन है और काम के आप जुनूनी हैं तो नाकामी आपको छू नहीं सकती. यह बात प्रताप पाटीदार पर बिल्कुल फिट बैठती है. प्रताप ने 30 साल पहले अपना गांव छोड़ दिया था. मुंबई चले गए थे. वहां उन्होंने चाय की दुकान पर 80 रुपए की पगार पर नौकरी की. लेकिन आज उनकी अपनी चाय की 3 दुकानें मुंबई में, 3 अहमदाबाद में और 3 दुकानें कोटा में हैं.

भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां पानी के बाद चाय ऐसा पेय है जिसे लोग चाव से पीते हैं. यहां के लोगों को तरह-तरह की चाय का शौक रहा है. चाय पीने वाले को देखा है कि वह मसाला टी, लेमन टी और ब्लैक टी जैसी चाय रोज पीते हैं. राजस्थान के डुंगरपुर के रहनेवाले प्रताप पाटीदार, रमेश पाटीदार और वासुदेव पाटीदार 30 साल पहले 12 साल की उम्र में अपना गांव छोड़कर मुंबई पहुंच गए थे. यहां 80 रुपए महीने की पगार पर उन्होंने चाय की दुकान पर नौकरी की. धीरे-धीरे चाय बनाने में इतने मास्टर हो गए कि चाय में चायपत्ती, शक्कर और बाकी के मसाले किस क्वॉन्टिटी में डालनी चाहिए, जिससे चाय का स्वाद और ज्यादा बेहतरीन हो जाए.

प्रताप पाटीदार ने बताया कि 12 साल की उम्र में गांव डूंगरपुर से मुंबई गए तब 80 रुपए में वहां नौकरी की और धीरे-धीरे मुंबई के अलग-अलग इलाकों में अपनी की दुकान खोली. उन्होंने चाय की स्टॉल का नाम रखा रजवाड़ी चाय. प्रताप ने रिश्तेदार रमेश पाटीदार और वासुदेव पाटीदार के साथ मिलकर 3 शाखाएं – कोटा स्टेशन इलाके, राजीव गांधी नगर और लैंड मार्क सिटी में डाली. नयापुरा बस स्टैंड में अपनी 4 गोल्डन रजवाड़ी चाय की दुकानों की ओपनिंग की. इतना ही नहीं 80 रुपए के सफर को आज 15000 रुपए प्रतिदिन एक दुकान से कमा रहे हैं. प्रताप पाटीदार ने चाय बनाने में ऐसी महारत हासिल की है कि बिना शक्कर की चाय भी देखकर बता सकते हैं, वो भी बिना पीए.

प्रताप ने बताया कि चाय से बहुत सारी बीमारियां भी ठीक होती हैं. दूध के साथ चाय पत्ती में दालचीनी, जावित्री, लौंग, काली मिर्च, इलायची, तुलसी पत्ता, शहद, मिश्री और गुलाब के फूलों को मिलाते हैं, जो आपके स्वाद और सेहत का पूरा ध्यान रखेगी. यहां कुल्लड़ वाली चाय, गोल्डन रजवाड़ी स्पेशल ब्लैक टी, लेमन टी और भी कई तरह की चाय बनाते हैं. गोल्डन रजवाड़ी में दूर-दराज से लोग इनकी चाय पीने के लिए आते हैं. प्रताप एक दिन में स्टेशन की दुकान से 100 से 200 लीटर दूध की चाय बना देते हैं उनके यहां 5 रुपए से 25 रुपए तक की चाय मिलती है.

Tags: Kota news, Local18, Success Story

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