JEE में 895 रैंक, IIT Bombay से ग्रेजुएट, Google में थी 2.2 करोड़ सैलरी, नौकरी छोड़ अब कर रहे हैं ये काम

JEE Success Story: इंजीनियरिंग करने वाले युवाओं की पहली पसंद आईआईटी से पढ़ाई करने का होता है. इसके लिए जेईई की परीक्षा को पास करना होता है. तब IIT से पढ़ाई करने का सपना पूरा हो पाता है और अच्छी सैलरी पैकेज वाली सैलरी भी मिलती है. आज ऐसे ही एक शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो जेईई की परीक्षा में 895 रैंक हासिल की हैं. कई बड़ी कंपनियों में काम करने के बाद बहुत ही कम उम्र में ही नौकरी छोड़कर खुद की स्टार्टअप शुरू की है. हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं, उनका नाम डैनियल जॉर्ज (Daniel George) है.
IIT Bombay से की इंजीनियरिंग की पढ़ाईडैनियल जॉर्ज (Daniel George) केरल के कोच्चि शहर से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने अपनी स्कूल शिक्षा जॉर्जिया पब्लिक स्कूल से पूरी की है. वह कक्षा 12वीं की परीक्षा में 99.99 पर्सेंटाइल हासिल की हैं. उन्होंने जेईई की परीक्षा में 895 रैंक हासिल की हैं. इसके अलावा जॉर्ज केरल इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम में भी 7वीं रैंक हासिल की हैं. बाद में उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग फिजिक्स में ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की हैं. लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार बाद में उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलिनोइस अर्बाना से AI/एस्ट्रोफिजिक्स में डिग्री हासिल की. इसके
Google में थी 2.22 करोड़ सैलरीजॉर्ज केवल 24 वर्ष की आयु में 2.22 करोड़ सैलरी पैकेज के साथ Google में हाय सैलरी पैकेज वाली नौकरी प्राप्त करने के बाद पहले से ही समय से पहले रिटायर होने के बारे में सोच रहे थे. वर्ष 2015 में इंजीनियरिंग फिजिक्स में डिग्री के साथ IIT बॉम्बे से ग्रेजुएट होने के बाद जॉर्ज ने पैसे बचाना और अपने भविष्य की योजना बनाना शुरू कर दिया था. वर्ष 2018 में उन्होंने Google X में काम करना शुरू किया, जहां उन्होंने मुफ़्त भोजन, पेय और मनोरंजन सुविधाओं जैसे शानदार लाभों का आनंद लिया.
टैक्स बचाने के लिए शुरू किया ये कामअपने करियर के एक साल बाद जॉर्ज (Daniel George) ने फाइनेंस और टैक्सों में रुचि ली. उन्होंने महसूस किया कि उनकी आय का लगभग आधा हिस्सा टैक्स में जा रहा था, जिसके कारण उन्होंने अपने रिटायरमेंट अकाउंट को अधिकतम करना और अपने टैक्स के बोझ को कम करना शुरू कर दिया. अपने पर्याप्त वेतन के बावजूद, वह अपने खर्चों को अपनी आय के 10% से कम रखने में कामयाब रहे. कार या महंगे घरों जैसी विलासिता की वस्तुओं पर पैसे खर्च करने के बजाय, जॉर्ज ने अधिक किफायती विकल्प चुने. वह काम पर पैदल या साइकिल से जाते थे, किराए पर बचत करने के लिए एक अपार्टमेंट शेयर करते थे और Google में मुफ़्त भोजन का पूरा लाभ उठाता थे.
पत्नी है AI साइंटिस्टवर्ष 2020 तक उन्होंने इतनी संपत्ति जमा कर ली थी कि वे जल्दी रिटायरमेंट पर विचार कर सकते थे. हालांकि, अपनी होने वाली पत्नी से मिलने के बाद उन्होंने अमेरिका में ही रहने और अपनी संपत्ति बढ़ाने का फ़ैसला किया. उनकी पत्नी Google में AI साइंटिस्ट के तौर पर भी काम करती थीं. वर्ष 2020 में जॉर्ज एप्लाइड AI प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व करने के लिए JP Morgan में शामिल हो गए, जिससे उनकी आय दोगुनी हो गई. अपनी बढ़ी हुई आय और नेटवर्थ के बावजूद, वे मामूली ज़िंदगी जीते थे.
इस कंपनी के बने को फाउंडरवर्ष 2023 में 29 साल की उम्र में जॉर्ज ने JP Morgan को छोड़ने और ThirdEar AI नामक एक स्टार्टअप की को-फाउंडर बनने का फ़ैसला किया. जॉर्ज अब मानते हैं कि उनके शुरुआती निवेशों ने उन्हें तनख्वाह की चिंता किए बिना अपने जुनून को आगे बढ़ाने की आज़ादी दी है.
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FIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 12:17 IST