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90% लोगों को नहीं पता होगा क्या है वच के फायदे और नुकसान?

Last Updated:March 11, 2025, 23:42 IST

Vach Benefits: वच एक औषधीय हर्ब है, जो पाचन और तंत्रिका तंत्र के लिए फायदेमंद है. यह मिर्गी, सिज़ोफ्रेनिया, अस्थमा, बुखार, पेट के ट्यूमर आदि में उपयोगी है. वच के अधिक सेवन से नुकसान भी हो सकता है. चलिए जानिए वच…और पढ़ें90% लोगों को नहीं पता होगा क्या है वच के फायदे और नुकसान?

वच का इस्तेमाल कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है.

हाइलाइट्स

वच पाचन और तंत्रिका तंत्र के लिए फायदेमंद है.मिर्गी, सिज़ोफ्रेनिया, अस्थमा में उपयोगी है.अधिक सेवन से नुकसान हो सकता है.

Vach ke fayde: आयुर्वेद में कई ऐसे औषधीय गुणों से भरपूर हर्ब्स हैं, जिनके बारे में काफी लोग नहीं जानते होंगे, लेकिन उनका इस्तेमाल किया जाए तो कई रोगों से बचाव हो सकता है. ऐसा ही एक हर्ब है वच (Vach). इसे इंग्लिश में स्वीट फ्लैग कहते हैं. इसका वैज्ञानिक नाम एकोरस कैलेमस है. यह युक्त ऐसा पौधा है, जो कई वर्षों से आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में कई रोगों के उपचार में उपयोग किया जा रहा है. यह खासकर पाचन तंत्र और तंत्रिका तंत्र के लिए फायदेमंद होता है. वच के फायदे क्या हैं, यहां जान लीजिए…

वच के फायदे (Vach benefits)

-वच दलदलों और नदियों के किनारे उगने वाला एक पौधा है. इस पौधे का मुख्य हिस्सा उसका जड़ होता है, जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है. यह पौधा भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है.

-वच एक प्रकार का मूत्रवर्धक है. यह ऐंठन-रोधी, रक्तशोधक, वातहर, कृमिनाशक के तौर पर इस्तेमाल होता रहा है. मिर्गी, मानसिक विकारों जैसे सिज़ोफ्रेनिया और स्मृति हानि के उपचार के रूप में किया गया है. इसके अलावा, यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं जैसे पेट के दर्द, अपच और डायरिया में भी कारगर है.

-वच का इस्तेमाल कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है. अस्थमा, बुखार, ब्रोन्कियल सर्दी, पेट के ट्यूमर, अर्थराइटिस, एग्‍ज‍िमा जैसी बीमारियों को ठीक करने में बेहद कारगर है.

-इसे जड़ी-बूटियों के रूप में पाउडर, बाम, काढ़े के रूप में किया जाता है. आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसे सांस, पाचन और तंत्रिका तंत्र से संबंधित समस्याओं के उपचार के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.

-‘वच’ संज्ञानात्मक कार्यों को बढ़ावा देता है. याददाश्त में सुधार करता है. मानसिक स्पष्टता में सहायता करता है. ये मानसिक कार्यक्षमता को बढ़ाता है. ध्यान केंद्रित करने में भी सहायक हो सकता है. इसके अलावा, ‘वच’ को तंत्रिका तंत्र के समर्थन के रूप में भी उपयोग किया जाता है, जिससे यह मानसिक विकारों को दूर करने के साथ ही तंत्रिका तंत्र को शांत करने में मदद कर सकता है.

– वच पाचन तंत्र को सही रखता है. पेट की सूजन, गैस, अपच से बचाता है. खांसी और अस्थमा के इलाज के लिए भी किया जाता है. यह त्वचा संबंधित कुछ समस्याओं के उपचार में भी उपयोगी पाया गया है.

वच के नुकसान (Vach side effects)

-इसके अधिक सेवन से आपको कुछ नुकसान भी हो सकता है. वच में बीटा-एसारोन नामक केमिकल होता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है.साथ ही इससे मतली, उल्टी, पेट में असुविधा आदि हो सकती है. ऐसे में खुद से इसका सेवन कभी न करें.

-गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान वच का उपयोग असुरक्षित हो सकता है, इसलिए इन स्थितियों में इसे लेने से बचना चाहिए. हार्ट रोगों से भी बचाए रखता है वच, लेकिन इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को हाई कर सकता है. हार्ट रेट को प्रभावित कर सकता है. इसके सेवन से हृदय की समस्याएं और अधिक बढ़ सकती हैं, अगर आपको पहले से ही हार्ट डिजीज है.

-‘वच’ का सेवन किसी दवाई के साथ करते हैं तो इसके भी साइड एफेक्ट नजर आ सकते हैं. डिप्रेशन, sedative drugs, ब्लड प्रेशर की दवाओं के साथ इंटरैक्ट कर सकता है. इससे दवाओं के प्रभाव में बदलाव आ सकता है. डिप्रेशन की दवाइयां ले रहे हैं, तो वच का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लें.


First Published :

March 11, 2025, 23:42 IST

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