organised crime | माफियाओं को न जमानत मिलेगी, न अग्रिम जमानत-धारीवाल
जयपुरPublished: Jul 19, 2023 01:41:44 am
संयम लोढ़ा ने कहा कि कुछ लोग लाॅरेंस जैसे अपराधियों से अपने को इसलिए धमकी दिलवाते हैं, ताकि उनको सुरक्षा मिल सके
जयपुर। संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि संगठित अपराधों को रोकने तथा पुलिस को सशक्त बनाने के लिए लाए गए राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक में अपराधियों की सम्पत्ति जब्त करने, जमानत एवं अग्रिम जमानत पर पाबंदी के प्रावधान हैं। ऐसा कानून लाने वाला राजस्थान देश का चौथा राज्य है। उधर, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा, ‘किस्सा कुर्सी का’, क्लाइमेक्स में पहुंच जाता तो शायद प्रदेश को पूर्णकालिक गृहमंत्री मिल जाता। कानून व्यवस्था पर चिंता जताते हुए कहा कि गैंगस्टरों के खूनी संघर्ष ने प्रदेश की जमीन को लाल कर दिया है और अब तो पुलिस का ध्येय वाक्य बदलकर आम आदमी में भय, अपराधियों को विश्वास हो गया है। इसी बीच संयम लोढ़ा ने कहा कि कुछ लोग लाॅरेंस जैसे अपराधियों से अपने को इसलिए धमकी दिलवाते हैं, ताकि उनको सुरक्षा मिल सके।
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि पिछले दशक में राज्य में अपराध के पैटर्न में बदलाव आया है। आपराधिक गिरोहों ने संगठित नेटवर्क स्थापित कर लिए हैं, ये गिरोह कॉन्ट्रेक्ट किलिंग, व्यवसायियों को धमकी देकर फिरौती मांगने, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे संगीन अपराधों में लिप्त हैं। इन गिरोहों के सदस्य कानून का लाभ लेकर अपराध करने के लिए अभिरक्षा से रिहा भी हो जाते हैं। इन्होंने जनता में डरावनी छवि बना ली है। दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत यह विधेयक लाया गया है। पूर्व में महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं गुजरात में इस तरह के कानून बना चुके हैं।
धारीवाल के जवाब के बीच ही राठौड़ ने कहा- फोन टेपिंग को लेकर हाईकोर्ट का हाल ही फैसला आपकी सरकार के खिलाफ गया है। शशिकांत वाले मामले में रेवेन्यू बोर्ड में आपने फोन टेप करवाए थे। हाईकोर्ट ने उन सारे फोन टेप को सबूत मानने से ही इनकार कर दिया है। इस पर जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि इससे नुकसान किसका है । भाजपा सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि सरकार ने जो अवैध फोन टेपिंग की, क्या वह संगठित अपराध के दायरे में है। इस पर धारीवाल ने कहा कि अपराधी भी आपकी पार्टी के लोग हैं।