Engineering And Polytechnic Colleges: Final Year Exam In Last July Or – इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्नीक कॉलेज : फाइनल ईयर की परीक्षा जुलाई के अंतिम या अगस्त के पहले सप्ताह में

तकनीकी शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री को भेज रहा प्रस्ताव
मुख्यमंत्री के स्तर पर होगा अंतिम निर्णय
सोसायटी मोड में चल रहे कॉलेज बनेंगे संघटक कॉलेज
कार्मिकों और शिक्षकों की समस्याओं का होगा समाधान
कुलपतियों को दिए गए निर्देश
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश

जयपुर, 15 जून। प्रदेश के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्नीक कॉलेजों (engineering and polytechnic colleges) में अध्ययनरत फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स की परीक्षा जुलाई के अंतिम सप्ताह या अगस्त के पहले सप्ताह में हो सकती है। तकनीकी शिक्षा विभाग (technical education department) इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेज रहा है, इस संबंध में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री ही करेंगे। तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग (Minister of State for Technical Education Dr. Subhash Garg) ने मंगलवार को तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत विश्वविद्यालयों/तकनीकी बोर्ड की ओर से आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं, विद्यार्थियों का मूल्यांकन और बजट घोषणा को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए हैं। उन्होंने विश्ववद्यिालयों और तकनीकी शिक्षा बोर्ड को निर्देश दिए कि इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक शिक्षा के फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स की परीक्षा जुलाई के अंतिम सप्ताह या अगस्त के पहले सप्ताह में करवाए जाने के लिए जरूरी तैयारियां करें। जिससे स्टूडेंट्स का कोई नुकसान नहीं हो और वह समय पर अपना कोर्स पूरा कर प्लेसमेंट के लिए या बाहर की कंपनियों में नौकरी करने के लिए जा सकें।
सात दिन में सहमति भेजने के निर्देश
डॉ.गर्ग ने आरटीयू, बीटीयू को सात दिन में बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा को पूरा करने के लिए ऐसे कॉलेज जो सोसायटी मोड में चल रहे हैं उन्हें संघटक कॉलेज बनाया जाएगा। सभी कुलपति सात दिन में अपने विश्वविद्यालय की सहमति भिजवाएं, जिससे सोसायटी मोड पर चल रहे कॉलेजों को विश्वविद्यालय के संघटक कॉलेज में तब्दील किया जाएगा इससे उनके कार्मिकों और शिक्षकों की समस्याओं का समाधान हो सकेगा।
रोल मॉडल बनें विश्वविद्यालय
डॉ. गर्ग ने आरटीयू तथा बीटीयू विश्वविद्यालयों को रोल मॉडल के रूप में कार्य करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि कॉलेजों को भी विश्वविद्यालय का ही एक भाग समझा जाए और उसी के अनुरूप उनका विकास होना चाहिए। उन्होंने तकनीकी शिक्षा के शिक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे कुछ ऐसे प्रोजेक्ट्स पर कार्य करें जिससे तकनीक के माध्यम से लोगों की मदद की जा सकें और उनकी समस्याओं को दूर किया जा सके। इसके लिए एप डवलप करने के साथ रोबोट, कन्सन्ट्रेटर जैसे तकनीकी उपकरण विकसित किए जा सकते हैं जो कोरोना से लडऩे में आमजन की मदद कर सकें।
बैठक में तकनीकी शिक्षा सचिव एनएल मीणा, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा के कुलपति और कुलसचिव, तकनीकी विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति और कुलसचिव,तकनीकी शिक्षा निदेशालय जोधपुर के निदेशक, प्राविधिक शिक्षा मंडल जोधपुर के सचिव और संयुक्त सचिव डॉ. मनीष गुप्ता अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।