Rajasthan

शहर का नंबर वन है… ठेले पर मिलने वाला यह समोसा, सिर्फ 4 घंटे में ही चट कर जाते हैं इसके दीवाने

मोहित शर्मा/करौली. समोसे के स्वाद के तो शहर में कई ठिकाने हैं. लेकिन भुड़ारें बाजार में ठेले पर मिलने वाला समोसा शहरवासियों को 12 सालों से अपने गजब के स्वाद के कारण चहेता बना हुआ है. आखिर बने भी क्यों न, आज के महंगाई के दौर में भी यह समोसा केवल ₹10 में कड़ाई से गरम-गरम उतरता हुआ, बेहतरीन स्वाद और चटपटी हरी और लाल चटनी के साथ मिलता है.

भुड़ारें बाजार में ठेले पर मिलने वाले इस समोसे की सबसे बड़ी खासियत इसका टेस्टी स्वाद और केवल इस समोसे का स्वाद दिन भर में 4 से 5 घंटे के लिए ही मिल पाना हैं . यही वजह है कि इस समोसे की स्वाद को लेने के लिए हर उम्र के लोगों की लाइन बाबूलाल के ठेले पर लगी रहती है. करौली शहर में बच्चों से लेकर बुजुर्ग और महिलाएं सभी इस समोसे के दीवाने हैं.

इतना ही नहीं इस समोसे के स्वाद को लेने के लिए लोग दूरदराज से इस ठेले पर पहुंचते हैं. यहां तक की करौली के कई आसपास के गांव के लोग भी इस समोसे के दीवाने हैं.

करौली में कहीं और नहीं मिलता है ऐसा समोसा 

ठेले पर इस समोसे को खरीदने आए नरेश जाटव का कहना है कि करौली में यह समोसा स्वाद में सबसे बढ़िया होने के साथ-साथ किफायती है और बच्चों की पहली पसंद है. लगभग 5-7 साल से हम इस समोसे को खाते आ रहे हैं वाकई में इसका स्वाद अच्छा और स्वादिष्ट मिलता है. करौली में और कहीं ऐसा समोसा नहीं मिल पाता है.

न कोई प्रकार की खराबी और ना ही बीमारी 

पिछले 10 सालों से इस समोसे को खाते आ रहे विष्णु गुप्ता का कहना है कि इसका स्वाद पूरे शहर में सबसे बेस्ट है. इस समोसे में ना कोई प्रकार की खराबी हैं और ना ही इसे रोज खाने से किसी तरह की बीमारी होती है. रेट भी इसकी सबसे सस्ती है.

सारे मसालों का स्वाद इस समोसे में 

ठेले पर इस समोसे को चटनी के साथ खा रहे बुजुर्ग प्रकाश ने बताया कि यहां का समोसा और मंगोड़ा मुझे बहुत पसंद है. जो स्वाद में भरपूर होने के साथ महंगाई के दौर में भी काफी मंदा है. आज भी है समोसा ₹10 में मिल रहा है. इसके मसाले में काली मिर्च, सोढ, गरम मसाला, धनिया और सभी मसाले का स्वाद भी मिलता है. जब से यहां यह ठेला लगा रहा है. तभी से मैं इस समोसे को खाता आ रहा हूं. वहीं दूसरे लोगों का कहना है कि यहां का समोसा काफी टेस्टी और लाजवाब लगता है. यहां के बराबर स्वादिष्ट समोसा कहीं पर नहीं मिल पाता है. इस एक ठेले पर समोसा के साथ-साथ दाल की चंदिया, मसाले की साक और डाल के मंगोड़े भी मिलते हैं.

शुद्ध तेल में बनाया जाता है यह समोसा

करीब 10 से 12 साल से इस समोसे को बनाते आ रहे बाबूलाल राठौर का कहना है कि इस समोसे को हम शुद्ध रिफाइंड और सोयाबीन के तेल में बनाते हैं. इसमें ध्यान रखने की बात है मसाले में आलू का गलत इस्तेमाल. हम अपने मसाले में अच्छे से अच्छे प्रकार का आलू भरते हैं. हम हमारे समोसे में पिसे हुए मसाले लगते हैं और इसे आज भी ₹10 में बेचते हैं. उनका कहना है हमारे समोसे की खासियत इसकी ₹10 की रेट और ग्राहक के लिए अच्छा माल मिलना है.

इसे हम केवल चार से पांच घंटे के लिए ही बेचते हैं. हमारे ठेले पर समोसे के अलावा दाल के मंगोड़े, दही भल्ले और नमक पाडे भी हरी व लाल चटनी के साथ मिलते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि मजेदार स्वाद होने के कारण कई लोग इसे ठेले पर ही रुककर और कई लोग इसे घर पर पैक कराकर ले जाकर खाते हैं.

Tags: Food 18, Karauli news, Local18, Rajasthan news

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