Rajasthan

सत्‍ता में हिस्‍सेदारी को लेकर सीएम गहलोत और पायलट के बीच विवाद जारी– News18 Hindi

जयपुर. राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट(Sachin Pilot) के गुटों के बीच तनातनी जारी है. इस बीच सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट को बाहरी व्यक्ति कहने वाले एक निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके समर्थक विधायक इंद्रराज मीणा (MLA Inderraj Meena) ने बुधवार को कहा कि पायलट बाहरी नहीं बल्कि एक ‘भारी नेता’हैं. इसके बाद भाजपा ने भी सरकार पर हमला बोल दिया है.

बहरहाल, विधायक इंद्रराज मीणा के बयान पर विपक्षी भाजपा ने भी अशोक गहलोत गुट पर हमला करते हुए कहा कि यदि पालयट बाहरी हैं तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क्या हैं जिनका जन्म भारत में नहीं हुआ है.

ताकतवर के खिलाफ कमजोरों का समूह बनता: विधायक इंद्रराज मीणा

निर्दलीय विधायक और पायलट समर्थक इंद्रराज मीणा ने कहा कि सचिन पायलट बाहरी नहीं भारी हैं. राजस्थान और देश की जनता उन्हें प्यार करती है. जनता में बहुत भारी नेता हैं, इसलिए यह प्रकृति का नियम है कि ताकतवर के खिलाफ कमजोरों का समूह बनता है.

रामकेश मीणा के बयान के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना

बता दें कि रामकेश मीणा ने मंगलवार को पायलट को बाहरी नेता बताया था, वहीं दूसरी ओर विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड ने गहलोत गुट पर हमला करते हुए कहा कि यदि सचिन पायलट बाहरी हैं तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह क्या हैं जिनका जन्म भारत में नहीं हुआ. भाजपा नेता ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी के सबसे प्रभावशाली नेता और राजस्थान से राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल केरल से हैं.

पायलट पर गरजे निर्दलीय विधायक

इस बीच निर्दलीय विधायकों की सर्किट हाउस में बुधवार को बैठक हुई. इसमें संयम लोढ़ा, महादेव सिंह खंडेला, रामकेश मीणा, आलोक बेनीवाल, ओपी हुडला, सुरेश टाक, राजकुमार गौड़, रमिला खड़िया,खुशवीर जोजावर, कांति मीणा, लक्ष्मण मीणा और बाबूलाल नागर शामिल थे. इस दौरान सभी ने कहा कि प्रदेशवासियों को स्थिर सरकार देना हमारा कर्तव्य है. सरकार को अस्थिर करने की कोशिश हुई तो धूल चटाएंगे.इसके अलावा विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि अशोक गहलोत के नेतृत्व में पहले भी इरादे नेस्तनाबूत किये गए. मुख्यमंत्री को षडयंत्र रचने का समय ही नहीं है. अशोक गहलोत ने भाजपा के नेताओं को घुटने टिकवा दिए थे. पायलट भाग्यशाली हैं, अच्छे घर में पैदा हुए. लगातार पद मिलते चले गए. उन्होंने संघर्ष देखा नहीं है.

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