Judge is not Goddont fold your hands or plead in front of him | ‘जज भगवान नहीं.. उनके सामने न हाथ जोड़ें और न गिड़गिड़ाएं’

नई दिल्लीPublished: Oct 16, 2023 12:30:13 am
केरल हाईकोर्ट : महिला के खिलाफ एफआइआर रद्द
‘जज भगवान नहीं.. उनके सामने न हाथ जोड़ें और न गिड़गिड़ाएं’
कोच्चि. केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि न्यायाधीश भगवान नहीं हैं। वह सिर्फ अपने संवैधानिक कत्र्तव्यों का पालन कर रहे हैं। वादियों और वकीलों को उनके सामने हाथ जोडक़र बहस करने, रोने या गिड़गिड़ाने की जरूरत नहीं है। याचिकाकर्ता या वकील सामान्य शिष्टाचार बरतें, इतना ही काफी है। न्यायमूर्ति पी.वी. कुन्हिकृष्णन ने यह टिप्पणी तब की, जब एक वादी महिला ने हाथ जोडक़र और आंखों में आंसू भरकर गिड़गिड़ाते हुए बहस की।न्यायमूर्ति ने कहा कि भले अदालत को न्याय के मंदिर के रूप में जाना जाता है, लेकिन पीठ में ऐसे कोई देवता नहीं हैं, जिन्हें वकीलों और वादियों से किसी प्रकार की श्रद्धा की जरूरत हो। अदालत के समक्ष किसी मामले पर बहस करना उनका संवैधानिक अधिकार है। वादी रमला कबीर अपने खिलाफ दर्ज एफआइआर रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट में पेश हुई थीं। उन्होंने अदालत से कहा कि उनके खिलाफ मामला झूठा है। दोनों पक्षों की दलील सुनने और फाइनल रिपोर्ट देखने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्राथमिक तौर पर लगता है कि वादी के खिलाफ आरोप सही नहीं है। कोर्ट ने कबीर के खिलाफ दर्ज एफआइआर रद्द कर दी। कोर्ट ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिशोध की भावना से एफआइआर दर्ज की गई थी। कोर्ट ने विभागीय जांच के आदेश भी दिए।