इन देशों से आते हैं पीली आंख वाले कबूतर, हर साल बढ़ रही संख्या, बन रहे आकर्षण का केंद्र
निखिल स्वामी/बीकानेर. आपने अपने आस पास कबूतर तो कई देखे होंगे, लेकिन कभी आपने पीली आंख वाला कबूतर देखा है. अगर नहीं देखा तो आज हम आपको पीली आंख वाला कबूतर के बारे में बताते है. यह कबूतर बीकानेर में सर्दियों में कई प्रवासी पक्षियों के साथ हजारों किलोमीटर का सफर तय कर आते हैं. इन दिनों बीकानेर के जोड़बीड़ में पीली आंख का कबूतर आकर्षण का केन्द्र है. अभी तक इनकी संख्या 800-एक हजार के आस-पास ही है, लेकिन सर्दी बढऩे के साथ इनकी संख्या दो से ढ़ाई हजार हो जाती है. जोड़बीड़ में पीली आंख का कबूतर 2011 में पहली बार देखा गया था. अब ये कबूतर ईरान से जोड़बीड़ में प्रवास के लिए आते हैं. जोड़बीड़ में पीली आंखों वाले कबूतरों की संख्या हर साल बढ़ रही है.
पक्षी विशेषज्ञ डॉ दाऊ लाल बोहरा ने बताया कि यह पीली आंख के कबूतर कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, उत्तर-पश्चिम ईरान, चीन आदि जगहों से आते हैं. वे यहां करीब चार से पांच माह तक रहेंगे. जहां वे रहते है वहां इन दिनों बर्फ बारी हो रही है ऐसे में खाने की तलाश में वे यहां आते है. कबूतरों की यह ऐसी प्रजाति है, जो आईयूसीएन की रेड डाटा लिस्ट में शामिल है. इसकी आंख के चारों तरफ पीले रंग का गोल घेरा होता है और कमर पर सफेद रंग का धब्बा पाया जाता है. ये जोड़बीड़ में प्रजनन के लिए आते हैं.
पक्षियों में सबसे अलग होते हैं ये कबूतर
यह पक्षियों में सबसे अलग होता है और बहुत शर्मिला होता है. यह मनुष्य के संपर्क में बहुत कम आता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यहां पीली आंख के कबूतरों की संख्या बढऩे का कारण पर्याप्त खाना मिलना और क्षेत्र में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं होना है. पीली आंखों वाले कबूतर समूह में उड़ते है. ये एक बार में 250 से 300 के समूह में उड़ते हैं. ये कबूतर खेजड़ी व जाल आदि पेड़ों पर बैठते हैं. साथ ही घास व जाल पर लगे फल खाते है.
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FIRST PUBLISHED : December 11, 2023, 18:14 IST