जब जज साहब खुद फंस गए जाम में, अधिकारियों की लगा दी क्लास, बोले- भगवान राम नें लंका….

हाइलाइट्स
जोधपुर में जज ने जाम लगने पर मामले पर स्वयं संज्ञान लिया.
श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के चलते जोधपुर में रास्ते ब्लॉक कर दिए गए थे.
नई दिल्ली. राजस्थान हाई कोर्ट ने सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के जश्न के कारण जोधपुर की सड़कों पर यातायात जाम और रुकावटों के लिए पुलिस और जिला प्रशासन की आलोचना की. न्यायमूर्ति दिनेश मेहता की पीठ ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के चलते सड़कों पर जगह-जगह बैरियर और यातायात में बांधा पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा, ‘पूरा देश अयोध्या में स्थित राम मंदिर का “प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव” मना रहा है. असली उत्सव तब होगा जब समाज उन आदर्शों और गुणों का सम्मान और अनुसरण करेगा, जिन्हें भगवान ‘राम’ ने अपनाया और मर्यादा पुरूषोत्तम राम की एक आदर्श व्यक्ति के रूप में पूजा की जाती है.
प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान भावनाओं को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने चिंता व्यक्त की कि सड़कों, विशेषकर हाईकोर्ट के मार्ग को अवरुद्ध करना, न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप है. उन्होंने कहा, “यह विडंबनापूर्ण है कि जहां एक तरफ भगवान राम ने लंका तक पहुंचने के लिए एक पुल बनाया था, वहीं लोगों ने रास्ता अवरुद्ध कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप पूरी तरह से सड़क अवरुद्ध हो गई है और गतिरोध उत्पन्न हो गया है.”
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हाईकोर्ट ने दिया क्या निर्देश?
न्यायालय ने पाया कि प्रशासन या कुछ व्यक्तियों ने मुख्य मार्गों पर बैरिकेड्स लगा दिए थे, जिससे शहर, हाईकोर्ट, न्यायिक अकादमी व कुछ अन्य विशेष मार्गोा पर लंबे ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई. न्यायमूर्ति ने पुलिस आयुक्त और जिला कलेक्टर से जवाब मांगा कि क्या ये अवरोधक प्रशासन द्वारा लगाए गए हैं और क्या ऐसा करने के लिए कोई अनुमति दी गई थी. हाईकोर्ट ने जिला कलेक्टर और पुलिस आयुक्त को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया कि भविष्य में सड़कों, विशेष रूप से कोर्ट की ओर जाने वाली सड़क को किसी भी ‘जुलूस’, ‘धरना’ और धार्मिक समारोहों के नाम पर अवरुद्ध न किया जाए.
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FIRST PUBLISHED : January 23, 2024, 16:34 IST