CBSE suggests open-book exams for students from class 9 to 12, what is an open-book exam? | CBSE ने कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों के लिए ओपन-बुक परीक्षाओं का दिया सुझाव, जानें क्या होता है Open-Book exam

COVID-19 के दौरान भी कराई थी ओपन-बुक परीक्षा
सीबीएसई ने 2014-15 से 2016-17 तक तीन वर्षों के लिए कक्षा 9 और 11 की परीक्षाओं के लिए ओपन टेक्स्ट आधारित मूल्यांकन (OTBA) का प्रयोग किया था। उस समय छात्रों और शिक्षाविदों से नकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिली थीं। पायलट प्रोजेक्ट इस साल नवंबर-दिसंबर में आयोजित करने का प्रस्ताव है। सीबीएसई इस पर निर्णय लेगा कि कक्षा 9 से 12 तक के सभी स्कूलों में मूल्यांकन के इस रूप को अपनाया जाना चाहिए या नहीं। सीबीएसई (CBSE) ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) से परामर्श करने का भी फैसला किया है। छात्रों के विरोध के बावजूद COVID-19 के दौरान, दिल्ली विश्वविद्यालय ने ओपन-बुक परीक्षा शुरू की थी। छात्रों को न्यूनतम संपर्क सुनिश्चित करने के लिए अपनी उत्तर पुस्तिकाएं, गैजेट, अध्ययन सामग्री और सैनिटाइज़र लाने के लिए कहा था।
ओपन बुक परीक्षा क्या है?
ओपन बुक परीक्षा (Open Book exam) का उद्देश्य परीक्षा के नियमित तरीके से हटकर छात्रों के उच्च-स्तरीय सोच कौशल का परीक्षण करना है। सीबीएसई (CBSE) की ओर से ओपन टेक्स्ट आधारित मूल्यांकन (OTBA) के तहत छात्रों को चार महीने पहले पाठ्य सामग्री प्रदान की गई थी। ये पाठ्य सामग्री उन्हें परीक्षा के दौरान केस स्टडीज के लिए ले जाने की अनुमति दी गई थी। ओपन बुक परीक्षा में छात्रों को प्रश्नों का उत्तर देते समय अपने नोट्स या पाठ्यपुस्तकों को देखने की अनुमति होती है। यह छात्रों को गंभीर रूप से सोचने और परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए रटने की पद्धति से दूर जाने पर जोर देता है।
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