बढ़ सकता है ओबीसी का कुनबा, ओबीसी आयोग ने शुरू की कार्यवाही | OBC clan may increase, OBC Commission starts proceedings

करीब 7 जातियों-उपजातियों के प्रतिनिधियों ने अपने समाज को पिछड़ा वर्ग में शामिल करने और कई जाति- समुदायों की ओर से अपने पुराने नाम में संशोधन की मांग की गई है। इन सभी के प्रस्तावों को राज्य सरकार ने परीक्षण के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को भेज दिए। इन प्रस्तावों पर आयोग ने सुनवाई शुरू कर दी है। सुनवाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। आयोग में पिछले साल अक्टूबर तक केवल अध्यक्ष ही कार्यरत थे, लेकिन विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले पूर्ववर्ती सरकार ने सदस्य सचिव भालाराम परमार सहित चार सदस्यों की नियुक्ति कर आयोग के गठन की प्रक्रिया पूरी कर दी।
ये जुड़ना चाहते हैं ओबीसी में
पठान, महावतान, मेहरात-घोडात (मुस्लिम), सिंधी स्वर्णकार, भिश्ती के साथ अब्बासी-सक्का, मुस्लिम पन्नीगरान, पूजा-पाठ व भिक्षावृत्ति वाले ब्राह्मण,
ये समाज भी चाहते हैं बदलाव
समाज—-क्या बदलाव चाहते हैं
भावसार छीपा-खट्टी छीपा के साथ नाम जुड़े
डाकोत, देशांतरी रंगासामी (अडभोपा)- रंगासामी व अडभोपा अलग हों
फकीर-शाह, शाही, मदारी, काजी दीवान उपजाति भी जोड़ी जाए
मीर-मेर के साथ मीर भी जाेडा जाए
मुल्तानीज- नाम मुल्तानीज चडवाहा किया जाए
दरोगा, वजीर- नाम रजवाड़ा राजपूत किया जाए
ढोली, नगारची-दमामी, बारोट- नाम रणधवल राजपूत किया जाए
महा-ब्राह्मण (अचारज), फकीर (कब्रिस्तान में कार्य करने वाले)- दोनों को अलग किया जाए
गाडरी-गडरिया (गाडरी), गायरी जातियों के बारे में स्पष्ट किया जाए