Rajasthan News : राजस्व न्यायालय: फैसला कैसे हो… न नोटिस रवाना और न आया रिकॉर्ड | Notices did not reach the parties in more than half of the cases in revenue courts
Rajasthan News : प्रदेश में राजस्व न्यायालयों में फैसला कैसे हो, आधे से ज्यादा प्रकरणों में पक्षकारों तक नोटिस नहीं पहुंचे हैं और करीब एक तिहाई केस दस साल से रिकॉर्ड नहीं आने के कारण अटके हुए हैं।
राजस्व न्यायालयों में लंबित मुकदमों को राजस्थान के राजस्व न्यायालयों में 6 लाख 40 हजार से अधिक केस हैं, जिनमें से करीब 3.60 लाख प्रकरणों में नोटिस पक्षकारों तक पहुंचने का इंतजार है। इनमें से लगभग आधे मामलों में नोटिस एक से पांच साल तक से और 28 प्रतिशत में पांच साल से ज्यादा समय से अदालतों के रिकॉर्ड में ही घूम रहे हैं। राजस्व न्यायालयों में उन प्रकरणों की संख्या भी कम नहीं है, जो निचली अदालत या किसी विभाग से रिकॉर्ड नहीं आने के कारण अटके हुए हैं। करीब 31 प्रतिशत ऐसे मामले बताए जा रहे हैं, जिनमें 10 साल से अधिक समय से अदालत को मंगाने के बावजूद रिकॉर्ड नहीं मिला है।
उधर, छत्तीसगढ़ में ऐसा है…
छत्तीसगढ़ में तहसील स्तर तक भी ऐसी व्यवस्था है कि किस दिन कौनसा केस सुनवाई के लिए लग रहा है, यह ऑनलाइन देखा जा सकता है। इसके अलावा वहां न्यायालय को किसी केस की सुनवाई टालनी है, तो कारण दर्ज करना आवश्यक है। बिना कारण सुनवाई के लिए नई तारीख नहीं दी जा सकती।
अब हमारी भी बदलने की तैयारी
प्रदेश में राजस्व न्यायालयों में प्रकरणों में सुनवाई में तेजी लाने की योजना राजस्व मंडल और राजस्व विभाग ने तैयार कर ली है। इसके अंतर्गत पहले चरण में ई-समन जारी करने की तैयारी है। इससे इस साल के अंत तक वाट्सऐप या एसएमएस के जरिए नोटिस पहुंचने लगेगा। दूसरे चरण में प्रकरणों की फाइलिंग की प्रक्रिया ऑनलाइन करने की तैयारी है और तीसरे चरण में वर्चुअल सुनवाई शुरू करने की योजना है।