टोक्यो ओलंपिक में नौकायन में जयपुर के लाल अर्जुन पर टिकी है निगाहें, sports-news-son-of-jaipur-arjun-hopes-for-a-medal-in-sailing-in-tokyo-olympics– News18 Hindi

अर्जुनलाल का खेलों में सफर आर्मी में जाने के बाद शुरू हुआ था. 24 साल के अर्जुन पहले निशानेबाजी में जाना चाहते थे, लेकिन इरादा बदला और रोइंग यानि नौकायन के लिए पहुंच गए. कोच बंजरंगलाल ताखर के निर्देशन में नौकायन में अभ्यास किया. अर्जुन की पहली बड़ी उपलब्धि रही 2019 में एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल करना.
पिता भावुक, मां को योग्यता पर पूरा विश्वास
अर्जुनलाल ने एशिया-ओसेनिया ओलंपिक कांटिनेंटल क्वालीफाइंग इवेंट में रजत पदक हासिल कर टोक्यो का टिकट कटाया. जब टोक्यो ओलंपिक में वे क्वालिफाई कर रहे थे तब नया बास गांव में उनके किसान पिता अपने बेटे की सफलता पर भावुक हो रहे थे. आज भी अपने बेटे की मेहनत को लेकर रामस्वरूप जाट भावुक हो उठते हैं. अर्जुन की माता को पूरा विश्ववास है कि बेटे की योग्यता देश को जरूर मेडल दिलाएंगी.
अर्जुन-अरविंद की जोड़ी से पदक की उम्मीद
हल्के डबल्स स्कल्स श्रेणी में उनके साथ यूपी के अरविंद हैं. दोनों की शारीरिक बनावट एक समान होने और वजन एक समान होने का भी उन्हें फायदा मिलेगा. इस मुश्किल खेल में ओलंपिक स्तर पर राजस्थान से अभी कोई भी मेडल नहीं जीत पाया है. इसलिए इतिहास बनाने की ज़िम्मेदारी इस बार दो लोगों के कंधों पर है. अर्जुनलाल जाट और अरविंद सिंह की जोड़ी कमाल कर गई तो निश्चित ही यह राज्य के लिए भी बड़ी उपलब्धि होगी.
ओलंपिक में खिलाड़ियों को मिलती है कड़ी चुनौती
परिवारजनों के साथ ही उनके कोच बजरंग लाल जाट भी आशा कर रहे हैं कि अर्जुन अपनी योग्यता से इस मुश्किल प्रतियोगिता को अपने नाम कर सकते हैं. ओलंपिक में प्रदेश के खिलाड़ियों ने क्वालिफाई जरूर किया है. लेकिन राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के अलावा बाकी को सफलता नहीं मिल सकी है. दरअसल, यह खेलों का ऐसा महाकुंभ है जहां दुनियाभर से खिलाड़ी शामिल होते हैं और चुनौतियां बेहद कड़ी होती हैं. इसके बाद भी देश-प्रदेश के टैलेंट पर पूरा भरोसा है. टोक्यो ओलंपिक में नौकायन में अरविंद-अर्जुन के कामयाब हो की उम्मीदें सभी को है.
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