CM Delhi Arvind केजरीवाल के खिलाफ सरकारी गवाह कर रहे भाजपा की सहयोगी टीडीपी का प्रचार | Official witness against CM Delhi Arvind Kejriwal is campaigning for BJP’s ally TDP
ओंगोल से चार बार सांसद रहे राघव और श्रीनिवासुलुइस साल 28 फरवरी को टीडीपी में शामिल हुए। उन्हें टीडीपी से टिकट मिलने की उम्मीद है। इन्हीं के बयान के आधार पर ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ केस दर्ज किया है। कोर्ट में ईडी का आरोप है कि बालाजी डिस्टिलरीज के मालिक पिता-पुत्र की जोड़ी ‘साउथ ग्रुप’ का हिस्सा हैं, जिसके सदस्यों ने आप को रिश्वत दी और बदले में नई शुल्क नीति के तहत अनुचित लाभ प्राप्त किया।
नेल्लोर, नई दिल्ली और चेन्नई में रेड्डी के ठिकानों पर ईडी की तलाशी के बाद श्रीनिवासुलु का नाम पहली बार इस मामले में सामने आया। हालांकि, उन्हें इस मामले में कभी आरोपी नहीं बनाया गया। केजरीवाल ने गुरुवार को कोर्ट में कहा कि फरवरी 2023 में राघव को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ईडी ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद पिता टूट गए। अपने बेटे की गिरफ्तारी के बाद श्रीनिवासुलु ने ईडी को दिया अपना पिछला बयान बदल दिया। राघव के सात बयान दर्ज किए गए जिनमें छह उनके खिलाफ नहीं थे। ‘केवल एक बयान मेरे खिलाफ था। जैसे ही उन्होंने मेरे खिलाफ बयान दिया, उन्हें रिहा कर दिया गया।’ राघव को पिछले साल अक्टूबर में ईडी मामले में माफी मिली और इस साल फरवरी में सीबीआइ के मामले में अग्रिम जमानत।
‘असली घोटाला गिरफ्तारी के बाद’
केजरीवाल ने कहा, असली शराब घोटाला शुरू होता है ईडी की जांच के बाद। जब ईडी की जांच शुरू होती है। ईडी की जांच के दो मकसद हैं। एक स्मोकस्क्रीन क्रिएट करना प्योर देश के सामने- आम आदमी पार्टी ने चोरी की है, आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचारी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले में सरकारी गवाह सारथ रेड्डी को उनके खिलाफ बयान देने के बाद मामले में जमानत मिल गई। रेड्डी ने उनकी गिरफ्तारी के बाद भाजपा को 55 करोड़ रुपए का चंदा दिया।
ईडी की रिमांड चार दिन बढ़ी
राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को केजरीवाल की ईडी की रिमांड अवधि चार दिन और बढ़ा दी है। अब वे एक अप्रेल तक ईडी की हिरासत में रहेंगे। ईडी ने सात दिन की रिमांड मांगते हुए कहा कि हमें गोवा के कुछ लोगों को केजरीवाल के सामने बैठाकर पूछताछ करनी है। इधर, दिल्ली हाईकोर्ट से केजरीवाल को बड़ी राहत मिली। केजरीवाल को सीएम पद से हटाने की याचिका खारिज हो गई है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन ने कहा कि यह राजनीतिक मामला है, जो न्यायपालिका के दायरे में नहीं आता। यह मामला राष्ट्रपति के पास जाएगा। इस पर उन्हें विचार करना हैं।