राजस्थान के इस गांव के ऊंट होते हैं काफी लंबे चौड़े, हर प्रतियोगिता में आते हैं पहले स्थान पर

निखिल स्वामी/बीकानेर. रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाला ऊंट पूरी दुनिया में बीकानेर का काफी प्रसिद्ध है. यहां एक ऐसी जाति है जो कई वर्षो से ऊंट पालन का काम कर रही है. हम बात कर रहे है बीकानेर के आस पास के गावों के राईका समाज के लोगों की. जो राजा महाराजा के समय से ऊंट पालन का काम करते आ रहे है. बीकानेर से करीब 15 किलोमीटर दूर गाढ़वाला गांव का ऊंट की खासियत ही सबसे अलग है. यह दूसरे ऊंटों की तुलना में सबसे लंबा और चौड़ा होता है. साथ ही यह सबसे तेज भागने वाला भी ऊंट होता है.
बीकानेर में हर साल होने वाले अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव में इस गांव व आस पास के गांव इस जाति के लोगों के ऊंट ही इन प्रतियोगिता में पहले स्थान पर रहते है. आमतौर पर एक ऊंट का वजन 700 किलो तक होता है जबकि इस बीकानेरी ऊंट का वजन 900 से एक हजार किलो तक होता है. वहीं बीकानेरी ऊंट की हाइट 7 से 8 फुट का होता है जबकि अन्य ऊंट लगभग 7 फुट तक ही रहता है. इस ऊंट की कुबड़ काफी चौड़ी होती है.
यहां का ऊंट आता है पहले स्थान पर
30 सालों से ऊंट का पालन करने वाले गाढ़वाला गांव के निवासी लूणाराम ने बताया कि उनके पास करीब दस ऊंट है. बीकानेरी ऊंट की खासियत होती है कि उस ऊंट के कानों पर बाल होते है. इस ऊंट का कलर भी काला होता है. बीकानेर का ऊंट दौड़ में हर बार पहले स्थान पर आता है. इस ऊंट को प्रतियोगिता या कभी इसको दूध, घी, बाजरे का आटा, मूंगफली का चारा सहित कई चीजें देते हैं. इस राईका जाति तो सिर्फ ऊंट पालन से ही अपनी गुजर बसर करती है.
वे बताते है कि कमाई इतनी होती नहीं जब कि इस से ज्यादा का तो एक ऊंट चारा ही चर जाता है. इसलिए वे ऊंट को गोचर में चरने के लिए छोड़ देते है. वे इस बात को लेकर भी परेशान है कि उनका बेटा से चले आ रहे रोज़गार को अपनाने का बिल्कुल भी इच्छुक नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : April 14, 2024, 19:17 IST