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मोटापे से लेकर दिल के रोग तक हर मर्ज की एक दवा, आयुर्वेद में बड़ा महत्व, जड़-फल-फूल सब उपयोगी – News18 हिंदी

रिपोर्ट-आशीष त्यागी
बागपत. कोरोना काल के बाद लोगों का आयुर्वेद की तरफ रुझान एकदम से बढ़ा है. वो इम्युनिटी बढ़ाने और खांसी सर्दी जैसी एलर्जी के लिए भी घरेलू नुस्खों, जड़ी बूटियों और आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल करने लगे हैं. ऐसी ही एक जड़ी बूटी है कंटकारी. आयुर्वेद में इसे लाभकारी बताया गया है.

कंटकारी एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है. आयुर्वेदिक दवाओं में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. मौसमी सामान्य सर्दी और खांसी के इलाज के अलावा, यह प्राकृतिक रूप से कई गंभीर बीमारियों के इलाज में भी प्रभावी पायी गयी है. आयुर्वेद में कंटकारी बहुत उपयोगी जड़ी बूटी है. इसका इस्‍तेमाल अस्‍थमा और श्‍वसन मार्ग से जुड़ी स्थितियों के इलाज में भी किया जाता है. आइए जानते हैं यह आयुर्वेदिक जड़ी बूटी स्‍वास्‍थ्‍य के लिए कितनी फायदेमंद है.

जड़-तना-फल सब उपयोगी
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. राघवेंद्र चौधरी बताते हैं इस जड़ी बूटी का पूरा पौधा, जड़ और फल उपयोग में लाया जाता है. इसका पाउडर 1 से 3 ग्राम, काढ़ा 40 से 80 मि.ली लेना सुरक्षित रहता है. मरीज की स्थिति और बीमारी के आधार पर इस जड़ी बूटी का रूप और खुराक निर्धारित की जाती है.कंटकारी का फूल, फल, पत्ती, तना, जड़-पंचाङ्ग सहित पूरा उपयोगी बताया गया है.

कंटकारी जड़ी-बूटी के औषधीय गुण
कंटकारी पाचन अग्नि को उत्तेजित करती है और डिस्‍पेनिया एवं खांसी का इलाज करती है. इससे राइनाइटिस, दर्द, असंतुलित वात एवं कफ दोष और बुखार का इलाज भी होता है.

कंटकारी के लाभ
कंटकारी के रस के साथ शहद लेने पर पेशाब करने में दिक्‍क्‍त की समस्‍या का इलाज होता है. खांसी के इलाज के लिए कंटकारी सबसे बेहतरीन जड़ी बूटी है. गर्म प्रभाव और कसैले स्‍वाद के कारण यह कफ और वात ठीक करने का गुण रखती है. ये प्राकृतिक रूप से पाचन में सुधार लाकर पाचन तंत्र मजबूत करती है. सांस से जुड़े विकार दूर करने के लिए व्‍यापक रूप से कंटकारी का इस्‍तेमाल किया जाता है.

इन बीमारियों में लाभकारी
एनोरेक्सिया (भूख न लगना), बुखार, वात दोष में असंतुलन के कारण हुए विकारों, अत्‍यधिक खुजली, त्‍वचा रोगों, पेट में कीड़े होने, ह्रदय विकार आदि समस्‍या के इलाज में यह उपयोगी है. इससे मोटापा घटाने और शरीर में जमा कोलेस्‍ट्रोल कम करने में भी सहायता मिलती है.

सावधानी है बेहद जरूरी
डॉ. राघवेंद्र चौधरी कहते हैं चूंकि कंटकारी गर्म होती है इसलिए पित्त विकारों के लिए इसका इस्‍तेमाल सावधानीपूर्वक करना चाहिए. बच्‍चों और स्‍तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए कंटकारी लाभकारी है. अगर आपको लिवर से जुड़ी कोई परेशानी है, तो इसका काढ़ा पीने से लिवर में संक्रमण और सूजन कम करने में मदद मिलती है.

(Disclaimer: चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, फेंगशुई आदि विषयों पर आलेख अथवा वीडियो समाचार सिर्फ पाठकों/दर्शकों की जानकारी के लिए है. इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है. हमारा उद्देश्य पाठकों/दर्शकों तक महज सूचना पहुंचाना है. इसके अलावा, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की होगी. Local 18 इन तथ्यों की पुष्टि नहीं करता है.)

Tags: Bagpat, Health and Pharma News, Local18

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