Business

EWS Reservation: क्या Private और Business sector पर भी होगा असर, पढ़ें एक विस्तृत रिपोर्ट

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाया. इस फैसले में शीर्ष कोर्ट ने आर्थिक आधार पर जनरल कैटेगरी के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी संविधान के संशोधन को सही ठहराया. हालांकि इस संशोधन में केवल शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर बात है लेकिन इसके साथ ही कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. जैसे इस आरक्षण से सही मायनों में किसको फायदा होगा, क्या इसका असर निजी क्षेत्र में भी पड़ेगा खासकर नौकरियों पर.

वहीं एक और बड़ा सवाल जो सामने है वो कि क्या इस आरक्षण का किसी भी तरह से असर बिजनेस सेक्टर या उससे जुड़ी एक्टिविटीज पर पड़ सकता है. इन्हीं सब सवालों के जवाब आपको इस खास रिपोर्ट में मिलेंगे.

पहले समझें फैसले को…आसान भाषा में ये आरक्षण उन लोगों के लिए है जो आर्थिक तौर पर कमजोर हैं यानि जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये से कम है. ये श्रेणी हालांकि पहले से आरक्षित 50 प्रतिशत के दायरे में ही आएगी, बाकि 50 प्रतिशत को नहीं छेड़ा गया है.

कितनों को मिलेगा फायदाIHDS (इंडियन ह्यूमन डवलपमेंट सर्वे) 2012 के अनुसार भरत में सामान्य श्रेणी की जनसंख्या कुल अनुमानित की 27.3 प्रतिशत है. अब इसमें से केवल 2.28 प्रतिशत अगड़ी जातियां ही ऐसी हैं जिनकी आय 8 लाख रुपये से ज्यादा है. अब इसको दूसरे तरीके से देखा जाए तो 25 प्रतिशत से भी ज्यादा लोग इस आरक्षण के दायरे में आएंगे. हालांकि इसमें समय के साथ कुछ बदलाव संभव हैं इसलिए ये आंकड़ा आज के परिपेक्ष में कुछ बदल सकता है.

अब बात प्राइवेट सेक्टर कीनिजी नौकरियों को लेकर भी लोगों के मन में बड़ा सवाल है कि क्या 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ इनमें भी मिलेगा. तो इसका सीधा जवाब न है. इस आरक्षण का लाभ केवल और केवल सरकारी नौकरियों में मिलेगा.

इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता का कहना है कि ईडब्ल्यूएस कानून को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मान्यता मिलने से इसका असर निजी क्षेत्र में भी देखने को मिलेगा. EWS आरक्षण को निजी कॉलेजों और गैर सहायता प्राप्त शिक्षण संस्‍थानों में भी लागू किया जाएगा. EWS आरक्षण को निजी क्षेत्र की नौकरियों में लागू करने के लिए कानून में प्रावधान नहीं है . लेकिन हरियाणा समेत कई राज्यों में क्षेत्रीय आधार पर निजी क्षेत्र में आरक्षण का कानून बना है. इसलिए आगे चलकर आर्थिक आधार पर निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण की मांग हो सकती है.

बिजनेस सेक्टर पर असरफिलहाल के फैसले और पूर्व में किए गए आरक्षण में संशोधन को देखते हुए इसका बिजनेस सेक्टर से भी कोई लेना देना नहीं दिख रहा है. हालांकि लंबे समय में इस आरक्षण से देश में नकारात्मक या सकारात्मक जो भी बदलाव होंगे वो हर सेक्टर पर कुछ न कुछ अपना असर जरूर डालेंगे. लेकिन इसको लेकर जल्दी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता है.

EWS Reservation, Economically weaker section, supreme court, reservation in jobs, reservation in privat jobs, reservation in education, reservation to obc, reservation to sc/st, ews, business sector, business news, central government, आर्थिक आधार पर आरक्षण, ईडब्‍ल्यूएस को आरक्षण, आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग, सुप्रीम कोर्ट, शीर्ष कोर्ट का फैसला, नौकरियों में आरक्षण, निजी नौकरियों में आरक्षण, शिक्षा में आरक्षण, ओबीसी आरक्षण, एससी/एसटी आरक्षण, ईडब्‍ल्यूएस, बिजनेस सेक्टर, बिजनेस न्यूज, केंद्र सरकार, हिंदी न्यूज

अब कुछ सामान्य जानकारी भी इन सभी बातों के बाद इस वर्ग में आने वाले सभी लोगों के मन में एक और जो बड़ा सवाल है वो ईडब्‍ल्यूएस सर्टिफिकेट बनाने को लेकर है. ये काफी सरल प्रक्रिया है और इसके लिए आपको नेशनल गवर्नमेंट सर्विस पोर्टल पर से ईडब्‍ल्यूएस सर्टिफिकेट फॉर्म डाउनलोड करना होगा. इस फॉर्म को भरने के बाद आपको तहसली में पटवारी या लेखपाल के पास फॉर्म को जमा करवाना होगा. इसके बाद सभी वेरिफिकेशन होने और मुहर लगने के लिए ये तहसीलदार के पास जाएगा. आपकी सभी जानकारियां यदि सही होती हैं तो 21 दिनों में आपको ईडब्‍ल्यूएस श्रेणी का सर्टिफिकेट मिल जाएगा. ये सर्टिफिकेट एक साल के लिए वैलिड होगा और इसे हर साल रिन्यू करवाना होगा.

Tags: Reservation, Reservation in jobs, Supreme Court

FIRST PUBLISHED : November 8, 2022, 12:48 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj