Churu Lok Sabha Chunav Result 2024 LIVE: खड़े सिक्के की माफिक तगड़ा है मुकाबला, जानें किस तरफ गिरेगा?
चूरू. राजस्थान में रेगिस्तान के प्रवेश द्वार माने जाने वाले चूरू सीट पर इस बार लोकसभा चुनाव का मुकाबला बेहद कांटे की टक्कर वाला है. यहां बीजेपी ने इस बार अपने मौजूदा सांसद राहुल कस्वां का टिकट काटकर इंटरनेशनल पैरा ओलम्पिक खिलाड़ी देवेन्द्र झाझड़िया पर दांव खेला है. बीजेपी के इस कदम से नाराज होकर राहुल ने कमल का साथ छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया. कांग्रेस ने भी राहुल को हाथोंहाथ लेते हुए उनको टिकट थमाकर चुनाव मैदान में उतार दिया. इससे यहां दोनों प्रत्याशियों के बीच जबर्दस्त टक्कर है. हालात ऐसे हैं कि सिक्का बिल्कुल खड़ा हुआ है. परिणामों में यह किसी भी तरफ गिर सकता है.
राजस्थान में चूरू वह शहर है जहां के गढ़ से किसी जमाने में अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए चांदी के गोले दागे गए थे. चूरू का गढ़ पूरे विश्व में संभवतया एकमात्र ऐसा गढ़ जहां से चांदी के गोले बरसाए गए थे. बीजेपी यहां बीते 15 साल से ज्यादा समय से काबिज है. लेकिन इस बार परिणाम क्या होगा इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही यहां जीत के दावे कर रही है लेकिन मतदाताओं का रूख किस तरफ रहा है इसकी थाह नहीं लेना आसान नहीं है.
बीते 15 बरसों से यहां बीजेपी काबिज हैचूरू लोकसभा सीट पर बीते 20 साल से बीजेपी और इसमें भी एक ही परिवार का वर्चस्व बना हुआ है. साल 2014 और 2019 में यहां से बीजेपी के सिंबल पर राहुल कस्वां चुनाव जीते हैं. वहीं इससे पहले लोकसभा चुनाव 2009 में यहां से राहुल के पिता राम सिंह कस्वां सांसद रहे. राम सिंह भी यहां से तीन सांसद रह चुके हैं. कुल मिलाकर पांच बार से यहां से राम सिंह और उनके बेटे राहुल जीतते रहे हैं. किसी जमाने में राम सिंह कस्वां और चूरू के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ की दोस्ती बेहद चर्चित रही है. राठौड़ बीते 35 में लगातार सात विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. इनमें छह बार चूरू से और एक बार तारानगर से. इस बार राठौड़ चुनाव लड़ने फिर तारानगर गए थे लेकिन हार गए.
बीते चुनावों में राहुल लगातार दूसरे बार जीते थेचूरू में लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के राहुल कस्वां ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कराई थी. साल 2019 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के रफीक मंडेलिया को 334402 मतों से हराया था. उनका वोट शेयर 59.59 प्रतिशत था. राहुल ने बीते चुनाव में 792999 वोट हासिल किए थे. उनका वोट शेयर साल 2014 के मुकाबले काफी बढ़ा था. इस बार चूंकि वे बीजेपी से नहीं बल्कि कांग्रेस से प्रत्याशी है तो ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे मतदाताओं को व्यक्तिगत तौर पर कितना लुभा पाएंगे और कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ता उनको कितना पचा पाएं हैं.
चूरू में इसलिए बिगड़ा हुआ है सियासी समीकरणइस बार यहां यह चुनाव इसलिए टफ हो गया क्योंकि कस्वां और राठौड़ के बीच धीरे-धीर पैदा हुई राजनीतिक प्रतिद्वंदता की खाई चुनाव आते-आते खास चौड़ी हो गई. राठौड़ की हार के बाद उन्होंने खुद और उनके समर्थकों ने इसका ठीकरा अपनी पार्टी के सांसद राहुल और उनके परिवार पर फोड़ा. तल्लखियां बढ़ी तो रार सार्वजनिक हो गई. खुलेआम बयानबाजी होने लगी. ‘जयचंद’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल हुआ. बाद में लोकसभा चुनाव में जब राहुल का टिकट कटा तो उन्होंने और उनके समर्थकों ने इसके लिए राठौड़ का जिम्मेदार ठहराया. इससे मामला इतना बिगड़ गया. राहुल ने आव देखा ना ताव और कमल का साथ छोड़कर पाला बदल लिया. वे कांग्रेस के पाले में जा बैठे. यहां मुकाबला राहुल कस्वां और देवेन्द्र झाझड़िया के बीच की बजाय राहुल और राजेन्द्र राठौड़ के बीच माना जा रहा है. आज यह तय हो जाएगा कि जनता किसके साथ है?
Tags: Churu news, Loksabha Election 2024, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : June 4, 2024, 05:38 IST