There is a long queue to buy the sweets made from milk and sugar, people come from far away to eat them
काजल मनोहर/जयपुर ग्रामीण. पेड़े को मिठाइयों का राजा कहा जाता है. आमतौर पर होली, दिवाली रक्षाबंधन जैसे त्योहारों पर सर्वाधिक पेड़े का उपयोग मिठाई के रूप में किया जाता है. दूध से बने पेड़े का प्रयोग मंदिरों में प्रसाद के वितरण के रूप में भी किया जाता है. परंपरागत रूप से पेड़ा दूध और चीनी से ही बनाए जाते हैं, लेकिन इसको बनाने में बहुत समय लगता है. दूध पेड़े का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें इलायची पाउडर और केसर के साथ पिस्ता भी मिलाया जाता है. भारतीय बाजार में दूध पेड़े को बेहद स्वादिष्ट और ताकत बढ़ाने वाले मिठाई मानी जाती है.
जयपुर ग्रामीण के किशनगढ़ रेनवाल में एक ऐसा पेड़े वाला है, जिसके पेड़े खाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र, दिल्ली सहित दूर-दूर तक लोग मिठाई के रूप में उनके पेड़े अपने रिश्तेदार को भेजते हैं. हलवाई गोपाल लाल शर्मा केवल दूध और चीनी से बिना मिलावट के दूध वाले पेड़े बनाते हैं. त्योहार के अवसर पर इस मिठाई वाले के पेड़े लेने के लिए लंबी-लंबी लाइन लगती है.
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ऐसे तैयार होते हैं स्वादिष्ट पेड़ेहलवाई गोपाल लाल शर्मा ने बताया कि वह लगभग 15 साल से दूध और चीनी के पेड़े बन रहे हैं. उन्होंने बताया कि वह रोजाना सुबह नौ बजे जाकर पेड़े बनाने की प्रक्रिया शुरू करते हैं. पेड़े बनाने में करीब 4 से 5 घंटे का समय लगता है. गोपाल लाल शर्मा ने बताया कि दूध के पेड़े बनाने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में घी गरम करते हैं, उसमें शक्कर और दूध डालकर लगातार मिक्स करते है, फिर शक्कर पिघलने लगती है शक्कर के पिघलने पर बर्तन में धीरे-धीरे मिल्क पाउडर डालकर लगातार हिलाते रहें ताकि उसमें गांठे ना बने इसके बाद फिर मिल्क पाउडर थोड़ा-थोड़ा करके डालते हुए हिलाते रहे अब उसमें इलायची पाउडर मिला दे. अब एक-दो मिनट बाद यह सब मिक्स हो जाए तो उसे आंच से उतार कर ठंडा होने दे. ठंडा होने पर हाथों से मिक्सर को तब तक मसले तब तक मिक्सर चिकना ना हो जाए. फिर हाथों को दोबारा चिकना करके उनसे छोटे-छोटे पेड़े बना लें.
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FIRST PUBLISHED : June 13, 2024, 13:31 IST