असदुद्दीन ओवैसी की खत्म हो जाएगी सांसदी? राष्ट्रपति तक पहुंच गई बात, SC के नामी वकील ने दर्ज कराई शिकायत
नई दिल्ली: असदुद्दीन ओवैसी पर सांसदी जाने का खतरा मंडरा रहा है. लोकसभा सदस्य के रूप में मंगलवार को शपथ ग्रहण के दौरान ‘जय फिलिस्तीन’ के नारे लगाने वाले हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी की सदस्यता रद्द करने की शिकायत राष्ट्रपति से हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट के वकील ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से ओवैसी की शिकायत की है. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मंगलवार देर रात एक सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि उनके पिता और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने यह शिकायत दर्ज कराई है.
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन एक्स पर लिखा, ‘शंकर जैन ने असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 102 और 103 के तहत राष्ट्रपति के समक्ष शिकायत दायर की है, जिसमें उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है.’ बता दें कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के बाद एक युद्ध प्रभावित पश्चिम एशियाई क्षेत्र के पक्ष में नारे लगाए, जिसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया और सभापति ने इसे रिकॉर्ड से हटाने का निर्देश दिया.
हैदराबाद से पांचवीं बार सदस्य निर्वाचित हुए ओवैसी ने उर्दू में शपथ ली. शपथ लेने से पहले उन्होंने दुआ पढ़ी. अपनी शपथ के बाद उन्होंने मुस्लिमों के लिए एआईएमआईएम का नारा बुलंद करने के अलावा अपने राज्य तेलंगाना, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के पक्ष में नारा लगाया.ओवैसी ने पश्चिम एशिया के उस क्षेत्र के पक्ष में नारा लगाया जो वर्तमान में युद्ध का सामना कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा के केंद्रबिंदु में है। उनकी शपथ के बाद सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई, जिससे सदन में हंगामा शुरू हो गया.
दरअसल, अनुच्छेद 102 के अनुसार, कोई व्यक्ति संसद के किसी सदन का सदस्य चुने जाने के लिए और सदस्य होने के लिए अयोग्य होगा – यदि वह भारत सरकार के या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर हो, या उसे अदालत द्वारा दिमागी रूप से अक्षम घोषित किया गया हो, या दिवालिया घोषित किया गया हो, या भारत का नागरिक न हो अथवा भारत के साथ किसी दूसरे देश की नागरिकता स्वीकार करता है, या उसे संसद द्वारा पारित किसी कानून के तहत अयोग्य करार दिया गया हो. अनुच्छेद 103 में राष्ट्रपति को यह अधिकार दिया गया है कि अनुच्छेद 102 के तहत कोई शिकायत प्राप्त होने पर वह संबंधित सांसद की योग्यता पर फैसला लें। हालांकि कोई भी फैसला लेने से पहले चुनाव आयोग से परामर्श करना जरूरी है.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2024, 09:58 IST