6 माह में हुआ शिशु, 700 ग्राम था वजन, 105 दिन बाद गया अपने घर, डॉक्टरों ने ऐसे बचायी जिंदगी

बाड़मेर. कहते हैं अपना घर सभी को प्यारा होता है. अगर किसी को पैदा होते ही घर न मिलकर अस्पताल का बिस्तर नसीब हो तो क्या कहेंगे. बाड़मेर में एक नवजात के साथ यही बीती. अपने जन्म के 105 दिन बाद अब वो पहली बार अपने घर जाएगा. ये नवजात 6 माह में ही हो गया था. इसलिए तब से अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती था.
समय से पहले जन्म होने के कारण ये सिर्फ 700 ग्राम वजन का था. इस बच्चे की हालत और मामला बहुत नाजुक था. उसे इन्क्यूबेटर में तो रखा ही गया. जीवित रखने के लिए मां का दूध भी जरूरी था. उसे कृत्रिम रूप से दूध पिलाया गया. उसे बचाने के लिए चिकित्सकों की पूरी टीम जुटी रही. अस्पताल स्टाफ की मेहनत और प्यार रंग लाया. अब सवा तीन महीने बाद बच्चा इस लायक हो गया है कि ठीक होकर अपने घर जा रहा है.
6 माह में हुआ जन्म23 मार्च को जिला अस्पताल गर्भवती महिला गंभीर हालय में लायी गयी थी. उसे 25 सप्ताह में ही डिलीवरी हो गई. इस दौरान शिशु की स्थिति बेहद नाजुक थी. एक नन्हीं सी जान को बचाने के लिए चिकित्सकों ने लगातार अपनी देखरेख में 105 दिन तक एसएनसीयू वार्ड में भर्ती रखा. इस दौरान इस मासूम की जिंदगी बचाने में कई बार उतार चढ़ाव भी आए. लेकिन परिवार और डॉक्टरों ने हिम्मत नहीं हारी.
अब स्वस्थ है बच्चाशिशु अब स्वस्थ है. उसे आज अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. शिशु को एक नया जीवन मिलने पर सभी के चेहरे पर खुशी की मुस्कान थी. शिशु वार्ड के विभागाध्यक्ष ड़ॉ हरीश चौहान ने बताया सिणधरी की सनपा निवासी कविता प्रसव पीड़ा के कारण अस्पताल के मातृ एवं शिशु विभाग में भर्ती हुई थी.उसने महज 25 हफ्ते में ही एक नवजात शिशु को जन्म दिया. तब से शिशु यहीं भर्ती था. बच्चे का पिता अशोक कुमार और मां कविता ने डॉक्टरों की पूरी टीम का शुक्रिया अदा किया.
700 ग्राम का था शिशुशिशु को एसएनसीयू विभाग में प्रभारी डॉ पंकज अग्रवाल की देखरेख में यूनिट-बी में भर्ती किया गया था. वो बताते हैं नवजात शिशु का वजन सिर्फ 700 ग्राम था. डॉक्टरों की देखरेख के बाद अब शिशु का वजन 1 किलो 500 ग्राम हो गया है और पूर्ण रूप से स्वस्थ है. शिशु के इलाज के दौरान डा हरीश चौहान, ड़ॉ पंकज अग्रवाल सहित ड़ॉ वीरेंद्र सिंगारिया, ड़ॉ महेंद्र चौधरी, रेजिडेंट तरुण सुथार, अक्षय यादव, प्रशांत शाह, एसएनसीयू नर्सिंग प्रभारी सवाईराम, नर्सिंग अधिकारी मनोज, किरण सबने मिलकर देखरेख की.
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FIRST PUBLISHED : July 5, 2024, 13:27 IST