अनोखा शिवालय: एक विशाल चट्टान पर टिका है 1200 साल पुराना शिव मंदिर, तात्या टोपे ने भी की थी यहां पूजा

भीलवाड़ा. सावन का महीना है इसलिए हर तरफ शिव आराधना और शिवालयों की चर्चा है. हम आपको भीलवाड़ा के एक ऐसे महादेव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो प्राचीन होने के साथ ही प्राकृतिक रूप से अनोखा उदाहरण भी है. यह मंदिर पहाड़ की एक चट्टान पर टिका हुआ है. इसलिए इसे अधरशिला महादेव मंदिर कहते हैं. इस मंदिर में राजस्थान, मध्य प्रदेश से शिव भक्त महादेव के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.
मान्यता है यहां पूजा पाठ करने से भक्तों के सारे कष्ट, पीड़ा और दर्द दूर हो जाते हैं. उनकी हर मनोकामना पूरी होती हैं. शहर के उपनगर पूर में स्थित अधरशिला महादेव मंदिर 1200 साल से अधिक प्राचीन है. कहते हैं यहां करीब 1200 साल पहले श्री चौरंगी नाथ महाराज ने तपस्या की थी. इसी मंदिर परिसर में उनकी जीवित समाधि भी है. यह एक धार्मिक स्थान होने के साथ ही पर्यटन स्थल भी है. यहां लोग अक्सर पिकनिक मनाने पहुंचते हैं.
सावन में मेलाशिव भक्त महेंद्र कुमार कहते हैं यहां पर साल भर हर सोमवार और रविवार को शिव भक्त महादेव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. खास तौर पर पूरे सावन यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है. इस मंदिर में दर्शन करने से भक्तों के सब दर्द -पीड़ा दूर हो जाती हैं. इसी मंदिर परिसर में एक कुंड है जिसका नाम मोर कुंड है. यहां पर कई बड़े-बड़े महंत और संतों ने तपस्या की है.
तात्या टोपे ने किए थे महादेव के दर्शनमहेंद्र बताते हैं 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महान क्रांतिकारी तात्या टोपे अपनी सेना के साथ यहां पर कुछ दिन रुके थे. उन्होंने भगवान अधरशिला महादेव के दर्शन किए थे और इसके बाद वह अपनी क्रांतिकारी यात्रा पर निकले थे.
FIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 15:17 IST