UPSC के लिए पिता ने जमीन बेचकर भेजा दिल्ली, मां ने घर से निकाला…पढ़ें IAS, IPS बनाने वाले ओझा सर की कहानी
UPSC Coaching Ojha sir: दिल्ली के कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में यूपीएससी की तैयारी करने वाले तीन स्टूडेंट्स की मौत ने नई बहस छेड़ दी है. लोग इस मामले में तरह तरह की बातें कर रहे हैं. वहीं सोशल मीडिया पर उन टीचर्स को टारगेट किया जा रहा है, जो यूपीएससी की तैयारी कराते हैं और इन युवाओं को अपनी मोटिवेशनल बातों से रिझाते हैं. ऐसे ही एक टीचर हैं अवध ओझा. कुछ स्टूडेंट्स इस हादसे पर अवध ओझा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं देने से नाराज थे, लेकिन उन्होंने कल एक वीडियो जारी कर न केवल मरे हुए बच्चों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की, बल्कि उन्होंने सरकार से इस संबंध में सख्त कानून बनाने की भी मांग कर डाली. आइए जानते हैं कि अवध ओझा खुद कैसे आईएएस बनने का ख्वाब लेकर दिल्ली आए थे, हालांकि उनका सपना तो पूरा नहीं हो सका, लेकिन अवध ओझा आज हजारों युवाओं के आईएएस आईपीएस बनने के सपनों को पूरा करने का रास्ता दिखाते हैं.
क्या पढ़ाते हैं अवध ओझाअवध ओझा यूपीएससी के स्टूडेंट्स को इतिहास पढ़ाते हैं. स्टूडेंट्स मानते हैं कि ओझा सर से अच्छा कोई इतिहास नहीं पढ़ा सकता. आज अवध ओझा को हजारों युवा एक अच्छे यूपीएससी कोच और एजुकेटर के रूप में देखते हैं और उनसे काफी कुछ सीखते हैं.
गोंडा के रहने वाले हैं अवध ओझाअवध ओझा यूपीएससी की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स में ओझा सर के नाम से प्रसिद्ध हैं, लेकिन काफी कम लोगों को मालूम होगा कि उनके ओझा सर का पूरा नाम अवध प्रताप ओझा है. अवध प्रताप का जन्म जन्म 3 जुलाई 1984 को उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुआ था. उनके पिता का नाम श्रीमाता प्रसाद ओझा है. बता दें कि अवध प्रताप ओझा के पिताजी गोंडा में पोस्टमास्टर की नौकरी करते थे. अवध ओझा के पिताजी पढ़ाई लिखाई को लेकर कितने सजग थे. उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने उस समय उनकी मां को वकालत की पढ़ाई कराने के लिए जमीन तक बेच दी और उन्हें वकील बनाया.
गोंडा में ही हुई पढ़ाई लिखाईअवध प्रताप ओझा की शुरुआती पढ़ाई गोंडा में ही हुई. अवध ओझा अपने कई इंटरव्यूज में यह बता चुके हैं कि वह बचपन में काफी शरारती हुआ करते थे. आलम यह था कि स्कूल प्रिंसिपल तक उनसे परेशान रहते थे. अक्सर उनके परिजनों तक उनकी शिकायतें पहुंचती थी. कई बार मां उनकी पिटाई भी कर देती थीं. अवध ओझा ने 10वीं के बाद की पढ़ाई गोंडा के फातिमा इंटर कॉलेज से हुई. उन्होंने बाद में ग्रेजुएशन किया.
पिता ने खेत बेचकर भेजा दिल्लीअवध ओझा को बचपन से ही आईएएस बनने का सपना था. उनका यह सपना पूरा करने में उनके पिताजी भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते थे. लिहाजा उनके पिताजी ने जमीन बेचकर अवध ओझा को यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली भेज दिया. अवध ओझा ने दिल्ली में यूपीएससी की जमकर तैयारी की, लेकिन वह प्री तो क्वालिफाइ करने में कामयाब रहे. यूपीएससी मेंस नहीं क्लियर कर पाए.
मां ने कहा था- तुम्हारा गेम ओवरअवध ओझा ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वह इलाहाबाद में यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे और जब यूपीएससी का लास्ट अटेप्ट भी क्लियर नहीं हो पाया, तो घर चले गए. मां ने कहा कि तुम्हारा गेम तो ओवर हो गया. अब तो जिंदगी भर मेरे सहारे जिंदा रहोगे. जिस पर ओझा सर ने भी गुस्से से कह दिया था कि आप भगवान नहीं है इसके बाद मां ने बोला कि अगर नहीं हूं तो निकल जाओ घर से. ओझा सर ने एक इंटरव्यू में इसका खुलासा करते हुए बताया कि वह कई सालों तक घर नहीं गए. 22 साल लग गए तब वह जाकर इस मुकाम तक पहुंचे हैं. हालात ऐसे हो गए थे कि सौ रुपये मांगने पर एक दोस्त ने मना कर दिया था.
कैसे बदली ओझा सर की जिंदगीअवध ओझा ने कई इंटरव्यू में बताया कि जब उन्हें यूपीएससी परीक्षा में सफलता नहीं मिली, तो वह विचलित और परेशान हो गए. कुछ समय बाद उन्होंने अपने एक दोस्त को फोन किया, जो तब इलाहाबाद में कोचिंग सेंटर चलाते थे. उन्होंने अवध ओझा को वहां आकर पढ़ाने को कहा, लेकिन स्टूडेंट्स को ओझा सर के पढ़ाने का स्टाइल पसंद नहीं आया और वे कोचिंग ही छोड़कर चले गए. जिसके बाद ओझा सर ने अपने पढ़ाने की शैली में बदलाव किया. उन्होंने दिल्ली के कई बड़े कोचिंग संस्थानों में भी पढ़ाया. बाद में खुद का कोचिंग सेंटर खोल लिया और बाद में तो ऐसे पढ़ाने लगे कि अब स्टूडेंट्स उन्हीं से पढ़ना चाहते हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 10:29 IST