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दिल्ली के इस बड़े अस्पताल में फ्री में करा सकेंगे पथरी की लेजर सर्जरी, गरीबों को होगा लाभ, जानें कब होती ऑपरेशन की जरूरत

Laser Surgery For Kidney Stones: आजकल की अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान कई गंभीर बीमारियों की वजह बन रहा है. पथरी की समस्या इनमें से एक है. यह परेशानी होने पर इंसान अंदर से टूट जाता है. साथ ही इसका दर्द उठना-बैठना तक मुश्किल कर देता है. यदि पथरी का साइज बड़ा हो जाए तो सर्जरी ही एकमात्र समाधान है. लेकिन, कई ऐसे भी लोग जो इस बजट को अफोर्ड नहीं कर पाते हैं, जिससे वे गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. लोगों की इन परेशानियों को ही ध्यान में रखते हैं दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में अत्याधुनिक इंडोयूरोलॉजिकल यूनिट शुरू की गई है. इस यूनिट में अब फ्री में पथरी की लेजर सर्जरी हो सकेगी. अब सवाल है कि ऑपरेशन होगा कब? क्या है सर्जरी का तरीका? इस बारे में आरएमएल अस्पताल दिल्ली में यूरोलाजी के विभागाध्यक्ष डॉ. हेमंत कुमार गोयल से जानते हैं-

डॉ. हेमंत कुमार गोयल बताते हैं कि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आरएमएल अस्पताल में अत्याधुनिक इंडोयूरोलॉजिकल यूनिट शुरू की गई है. इसमें किडनी की पथरी व प्रोस्टेट की लेजर सर्जरी की सुविधा मिल सकेगी. इसलिए अब किडनी की पथरी व प्रोस्टेट की बीमारी से पीड़ित मरीजों को अस्पताल में बिना कोई चीरा लगाए निशुल्क लेजर सर्जरी हो सकेगी. ऐसे में सबसे ज्यादा गरीबों को होगा.

निजी अस्पतालों में दो लाख तक का खर्च

एक्सपर्ट के मुताबिक, वैसे तो कई निजी अस्पतालों में किडनी की पथरी के लिए लेजर सर्जरी की सुविधा है. लेकिन, सरकारी अस्पतालों में ये सुविधाएं नहीं थीं. हालांकि, एम्स के यूरोलॉजी विभाग में लिथोट्रिप्सी सर्जरी की सुविधा है. इस अभाव के चलते आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को इसकी सुविधा नहीं मिल पाती है. इस तकनीक से बगैर कोई चीरा लगाए या एनेस्थीसिया दिए बगैर एक सेंटीमीटर तक के पथरी को किडनी से निकाला जा सकता है.

कब और कैसे होती है पथरी सर्जरी

डॉ. हेमंत बताते हैं कि, 5 से 8 मिलीमीटर (0.5-0.8 सेंटीमीटर) तक की पथरी सर्जरी के बगैर दवाओं से निकल जाती है. लेकिन, इससे बड़ी पथरी को निकालने के लिए सर्जरी करनी पड़ती है. सामान्यता किडनी की पथरी निकालने के लिए पीठ पर छोटे छेद कर लेप्रोस्कोपी तकनीक से सर्जरी की जाती है. लेकिन अब अस्पताल में दो सेंटीमीटर तक की पथरी को लेजर सर्जरी से निकाला जा सकेगा. इस प्रोसीजर में मरीज के यूरिनरी ट्रैक के रास्ते से एक फाइबर किडनी के पास ले जाकर लेजर से पथरी को तोड़ दिया जाता है. इस प्रोसीजर में करीब डेढ़ घंटे का समय लगता है.

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Tags: Delhi, Delhi news, Health benefit, Health News, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : August 5, 2024, 16:18 IST

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