चार्ल्स शोभराज, औरतों का सीरियल किलर जो कहता है, ‘आज भी बहला फुसला लूंगा…’ कातिल सफर की दास्तान
Bikini Killer Charles Sobhraj Now: चार्ल्स शोभराज, नाम तो सुना होगा, पूरी जिन्दगी की कहानी से शायद आप वाकिफ न हों.. पीएम मोदी ने हाल ही में चार्ल्स शोभराज के इंटरव्यू की तुलना अरविंद केजरीवाल के मीडिया साक्षात्कार से कर दी और कहा कि गंभीर आपराधिक मामलों का सामना करने वाले लोगों का मीडिया इंटरव्यू कैसे कर सकता है… पहले सिर्फ चार्ल्स शोभराज का ही इस तरह का इंटरव्यू हुआ था.’ जिस कातिल के साथ पुलिस वाले भी फोटो खिंचवाने के लिए बाकायदा पोज़ देते थे, जिसकी याद और बात आज भी जिक्र में चल निकलती है, वह शानदार आकर्षक पर्सनैलिटी, धारदार अंग्रेजी, आत्मविश्वास से लबालब, 22 विदेशी लड़कियों का कातिल चार्ल्स शोभराज दुनिया के उन चुनिंदा सबसे बड़े सीरियल किलर्स में से एक है जिनका यूं ही छुट्टा घूमते रहना इस बात का शक पैदा करता रहेगा कि क्या वह अब भी शगल के लिए औरतों को प्रेम जाल में फंसाता है और बेरहमी से मार डालता है!
अपराध की दुनिया की काली कहानियों की फेहरिस्त में आज आपके लिए लेकर आए हैं सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज उर्फ गुरुमुख शोभराज हॉट चंद भवनानी की ‘दोतरफा’ कहानी, जिसे कभी बिकीनी किलर के नाम से जाना जाता था.
तिहाड़ जेल, बिल्ली कनेक्शन… और चार्ल्स शोभराज का उड़न छू होना…देश की सबसे बड़ी जेलों में से एक तिहाड़ जेल की मजबूत दिवारों के पीछे बंद चार्ल्स शोभराज मार्च 1986 में वहां से भाग निकला था. क्रेन बेदी के नाम से मशूहर किरण बेदी तब वहां पोस्टेड थीं. जेल में उन दिनों एक बार एक बिल्ली बेहोश मिली.. जो तीन चार दिन किसी कर्मी की सेवा के बाद ठीक हो गई और चलने लगी.. इसके बाद एक रात अपने बर्थडे की पार्टी में इस बातों के राजकुमार ने गार्डों और कैदियों को ड्रग्स के नशे में बेहोश कर दिया… बेहोश करने से पहले जेल के काल कोठरी के पास फोटो भी खिंचवाई!.. चंद मिनटों में वह उड़न छू हो लिया… ये वही ड्रग्स थे जो उस बिल्ली पर टेस्ट किए गए थे जो पिछले दिनों अधमरी मिली थी.. चार्ल्स को इन लोगों को मारना नहीं था इसलिए जहर नहीं देना था.. उसे तो बस अगले कारनामे के लि यहां से भाग निकलना था… इसलिए बेहोश करना था. दवा की टेस्टिंग से यह श्योर हो गया कि बिल्ली बेहोश ही होगी.. मरेगी नहीं. इसलिए कभी वह पकड़ा जाएगा तो और हत्याएं उसके केस में जुड़ेंगी नहीं…
आखिर है कौन चार्ल्स शोभराज, चंद बातें…चार्ल्स शोभराज का पूरा नाम है होचन्द भवनानी गुरुमुख शोभराज और 6 अप्रैल 1944 को वह पैदा हुआ. सीरियल किलर, धोखेबाज और चोर जो शुरू में 1970 के दशक में साउथ एशिया के हिप्पी ट्रेल पर यात्रा करने वाले पश्चिमी पर्यटकों को अपना शिकार बनाता था. क्योंकि वह अक्सर बीच पर, खूबसूरत युवा महिलाओं को अपने मोहपाश में या बातों की जादूगरी में फंसाकर कर फुसलाता था और लूट के लिए उनकी हत्या कर देता था, इसलिए उसे बिकीनी किलर कहा गया. फिर क्योंकि वह सुरक्षा एजेंसियों, पुलिस के हाथों में आते आते सांप की तरह फिसलकर निकल जाता था इसलिए उसे सर्पेंट कहा गया.
चार्ल्स शोभराज नेपाल के काठमांडू से उड़ान भरने वाले विमान में जिससे वह पेरिस गया (एएफपी)
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में चार्ल्स शोभराज को जेल से रिहा करने का आदेश दे दिया. वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर में जब वह 1944 में जन्मा तो ये फ्रांस के नियंत्रण में था और इसलिए उसे फ्रांसीसी नागरिकता मिल गई. शुरू में गाड़ी चुराता छोटे मोटे अपराध करता. फिर स्मगलिंग की दुनिया में आया. पेरिस में लड़कियों को फंसाना जो शुरू किया तो दुनिया के कई देशों में यह करता रहा, 10 देशों में कम से कम 20 हत्याओं के आरोप लगे. नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, तुर्की, ग्रीस, हांगकांग, थाईलैंड और मलयेशिया में दलाली, चोरी, तस्करी और किडनैपिंग जैसे अपराध किए. एशिया का मोस्ट वॉन्टेड मैन बना रहा. 2008 में 66 साल की उम्र में नेपाल में एक हत्या की सजा काटते हुए और दूसरी हत्या के केस के दौरान चार्ल्स ने 21 साल की निहिता बिस्वास से शादी कर ली जो उसके खुद के वकील शकुंतला थापा की बेटी थी. कहानी बहुत लंबी हैं और किस्से कई सारे हैं..
चार्ल्स शोभराज अब कहां है?नेपाल की जेल से रिहाई के साथ ही उसे 15 दिनों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दे दिया गया था. तब उसे दिसंबर 2022 में फ्रांस के लिए डिपोर्ट कर दिया गया था. इसके बाद के समय में ‘द रियल सर्पेंट: इन्वेस्टिगेटिंग ए सीरियल किलर’ नाम की एक डॉक्युमेंट्री के लिए वह इनपुट देने के लिए राजी हुआ. इसी की शूटिंग के लिए उसे कथित तौर पर लंदन में देखा गया था.
चार्ल्स पर बनीं ओटीटी सीरीज, किताबें और न जाने क्या क्या…चार्ल्स पर कई किताबें लिखी गईं, डॉक्युमेंट्रीज बनीं और किताबें भी लिखी गईं. 1980 में द लाइफ एंड क्राइम्स ऑफ चार्ल्स शोभराज (On the trail of The Serpent: The life and crimes of Charles Sobhraj) में रिचर्ड नेविल और जूली क्लार्क (दोनों लेखक) से बातचीत करते हुए चार्ल्स ने कहा था- मैं जब तक लोगों से बात करता रहूंगा, जब तक भी मेरे पास लोगों से बात करने का मौका रहेगा, मैं आज भी उन्हें बहला-फुसला सकता हूं…
फोटो सभार- एपी,फाइल फोटो
1989 की टीवी फिल्म शैडो ऑफ द कोबरा (Shadow of the Cobra) भी उन्हीं के जीवन पर आधारित थी, जबकि 2015 की हिंदी फिल्म मैं और चार्ल्स (Main Aur Charles) उसके उस दौर पर बेस्ड है जब तिहाड़ जेल में देश की पहली आईपीएस अधिकारी मशहूर किरण बेदी जेलर की टॉप ऑफिसर बनकर आई थीं. इसी बीच चार्ल्स तिहाड़ जेल से भाग निकला था. (फैक्ट्स विभिन्न रिपोर्ट्स के आधार पर)
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FIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 08:27 IST